हरियाणा में सांप्रदायिक भाषण, सभाएं बढ़ा रहीं तनाव
१४ अगस्त २०२३पलवल में रविवार 13 अगस्त को हरियाणा के करीब 50 गांवों से आये लोगों की एक पंचायत आयोजित की गई थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पंचायत में करीब 1,000 लोगों ने हिस्सा लिया और वहां कई वक्ताओं ने भड़काऊ भाषण दिए.
इस पंचायत का आयोजन शुरू में हिंसा प्रभावित नूंह में ही करने की योजना थी, लेकिन प्रशासन से इसकी इजाजत ना मिलने के बाद आयोजकों ने पंचायत का आयोजन नूंह-पलवल रोड से थोड़ी दूर पलवल जिले में किया.
प्रशासन को चुनौती
यह जगह नूंह से करीब 50 किलोमीटर दूर है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रशासन ने इस पंचायत में सिर्फ 500 लोगों को शामिल करने की इजाजत दी थी, लेकिन इसमें भाग लिया करीब 1,000 लोगों ने. इसके अलावा बैठक सिर्फ दिन के दो बजे तक करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बैठक शाम के चार बजे तक चली.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पंचायत में भड़काऊ भाषण भी दिए गए. पंचायत में कुलभूषण भारद्वाज नाम के एक अधिवक्ता ने एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया और उनके आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की मांगकी. भारद्वाज के खिलाफ पहले से भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में एफआईआर दर्ज है.
कुछ मीडिया रिपोर्टों में उन्हें बजरंग दल का नेता भी बताया गया है. उन पर छह अगस्त को गुरुग्राम जिले के तिगरा गांव में आयोजित की गई एक पंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उन्होंने पलवल पंचायत में प्रशासन को उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज करने की चुनौती दी.
उन्होंने 28 अगस्त को 'ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा' को पूरा करने की घोषणा भी की और लोगों से यात्रा में भाग लेने के अपील की. सोशल मीडिया पर उनके भाषण के वीडियो के अंश भी मौजूद हैं.
यात्रा को दोबारा निकालने की मांग विश्व हिंदू परिषद ने भी की है. पंचायत में भाषण देने वाले कुछ वक्ताओं ने मेवात के हिंदुओं को ज्यादा ज्यादा से बंदूकों के लाइसेंस देने की मांगकी.
नहीं रुक रहे भड़काऊ भाषण
पलवल के पुलिस प्रमुख लोकेंद्र सिंघ ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया कि पंचायत की इजाजत देते समय आयोजकों को कड़ाई से कहा गया था कि नफरती भाषण नहीं दिए जाने चाहिए.
उन्होंने बताया कि पुलिस अब भाषणों के वीडियो देखेगी और अगर किसी के द्वारा दिया गया सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भाषण पाया गया तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.
इसी तरह की पंचायतछह अगस्त को गुरुग्राम जिले के तिगरा गांव में भी आयोजित की गई थी. यह आयोजन ऐसे समय में किया गया था जब उस इलाके में धारा 144 लगी हुई थी.
उस बैठक में भी कई भड़काऊ भाषण दिए गए थे. बैठक से चार दिन पहले दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि राज्य में कहीं भड़काऊ भाषण नहीं दिए जाएं.
इस पंचायत में दिए गए भाषणों की खबर आने के बाद पुलिस ने कुलभूषण भारद्वाज समेत कुछ लोगों के खिलाफ समुदायों के बीच सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश के आरोप में मामले दर्ज किये थे.