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क्या हरियाणा में एक समुदाय का सफाया किया जा रहा है: कोर्ट

८ अगस्त २०२३

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा की घटनाओं को देख कर सवाल उठाया है कि क्या राज्य में एक समुदाय का सफाया किया जा रहा है. अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 11 अगस्त तक जवाब मांगा है.

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नूंह, हरियाणा
नूंह में दंगों के बाद एक सुनसान इलाकातस्वीर: Altaf Qadri/AP/picture alliance

नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसाके बाद की गई कार्रवाई में कई इमारतों को तोड़ने के प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान का पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को खुद संज्ञान ले लिया था. कार्रवाई पर रोक लगते हुए अदालत ने राज्य सरकार से कई कड़े सवाल पूछे और जवाब तालाब किया.

इसी क्रम में अदालत ने कहा कि उसके संज्ञान में लाया गया है कि बिना किसी आदेश और नोटिस के 'लॉ एंड आर्डर' का बहाना बना कर बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किये इमारतों को तोड़ा जा रहा है.

अदालत ने उठाया गंभीर सवाल

अदालत ने आगे कहा कि सवाल यह भी उठता है कि क्या एक विशेष समुदाय की इमारतों को ही गिराया जा रहा है और क्या ऐसा कर सरकार ही 'एथनिक क्लेंसिंग'यानी एक समुदाय का सफाया करने का काम कर रही है.

अदालत ने कुछ मीडिया रिपोर्टों के हवाले से यह भी कहा कि राज्य के गृह मंत्री ने कहा है कि बुलडोजर "इलाज" का हिस्सा हैं क्योंकि सरकार सांप्रदायिक हिंसा की जांच कर रही है. इसके बाद अदालत ने इमारतों को गिराने पर रोक लगा दी और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया.

अदालत ने सरकार से यह जानकारी मांगी कि नूंह और गुरुग्राम में पिछले दो हफ्तों में कितने इमारतें गिराई गई हैं और क्या इमारतें गिराने से पहले कोई नोटिस दिया गया था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नूंह में अभी तक 750 से भी ज्यादा इमारतोंको गिरा दिया गया है.

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अकेले रविवार छह अगस्त को ही 94 घरों और 212 अन्य ढांचों को गिरा दिया गया. प्रशासन ने इस कार्रवाई का आधिकारिक कारण अवैध निर्माण बताया था लेकिन साथ ही इसे नूंह हिंसा से जुड़ा हुआभी बताया था.

एसडीएम अश्वनी कुमार ने पत्रकारों को बताया कि यह अवैध निर्माण थे और इनके मालिकों को पहले से नोटिस दिए जा चुके थे. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से कुछ अवैध इमारतों के मालिक 31 जुलाई की हिंसा में भी शामिल थे इसलिए इन इमारतों को तोड़ा गया.

रविवार को नूंह पुलिस ने शहर में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई की. पुलिस का कहना था कि कई रोहिंग्या शरणार्थी भी 31 जुलाई की हिंसामें शामिल पाए गए थे. उनमें से कई शरणार्थियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उनकी झुग्गियों को तोड़ दिया.

राज्य में हिंसा जारी

इस बीच राज्य में अभी भी हिंसक घटनाएं जारी हैं. सोमवार सात अगस्त को गुरुग्राम के खांडसा गांव में कुछ अज्ञात लोगों ने एक मजार को आग लगा दी. मजार की देखरेख करने वाले व्यक्ति ने बताया कि आग रात को लगाई गई, जब वहां कोई नहीं था.

बाद में स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया लेकिन चढ़ावा और प्रार्थना का सारा सामान जल गया. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रविवार को भी एक हिंसक वारदातहुई थी, जिसकी खबर सोमवार को मिली.

गुरुग्राम के सेक्टर नौ में रहने वाले इश्तिकार अहमद के घर पर मोटरसाइकिल सवार कुछ अज्ञात लोगों ने पत्थर फेंके और तोड़ फोड़ की. घटना में किसी को चोट लगने की कोई खबर नहीं है.