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हरियाणा में हिंसा अभी भी जारी है

७ अगस्त २०२३

छह अगस्त को हरियाणा के पानीपत में कुछ लोगों ने कई दुकानों में तोड़ फोड़ और लूटपाट की. पीड़ितों का दावा है कि सिर्फ मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाया गया.

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नूंह, हरियाणा
नूंह में पुलिस की कार्रवाईतस्वीर: Altaf Qadri/AP/picture alliance

नूंह दंगों के एक हफ्ते बाद हरियाणा के कुछ हिस्सों में हिंसा अभी भी जारी है. रविवार छह अगस्त को पानीपत में मोटरसाइकिल पर सवार कुछ लोगों ने कई दुकानों में तोड़ फोड़ और लूटपाट की.

सोशल मीडिया पर इन हमलों की सीसीटीवी फुटेज की कई वीडियो क्लिप डाली गई हैं जिनमें हमलावरों को उत्पात मचाते हुए देखा जा सकता है. पुलिस ने बताया कि 20-25 लोगों के खिलाफ कम से कम तीन एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं और छह व्यक्तियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. 

यह पानीपत में बीते दिनों में इस तरह की हिंसा की दूसरी घटना है. इसके पहले चार अगस्त को भी कुछ लोगों ने मांस की एक दुकान में तोड़ फोड़ की थी. पानीपत नूंह से कम से कम 165 किलोमीटर दूर है, जिसका मतलब है कि राज्य में हिंसक घटनाओं का दायरा नूंह के पड़ोसी इलाकों से और आगे बढ़ता जा रहा है.

पानीपत का नूंह दंगों से सीधा संबंध है. दंगों के दौरान नूंह में जिन लोगों की पहले दिन ही मौत हो गई थी उनमें 22 साल का अभिषेक भी शामिल था, जो पानीपत का ही रहने वाला था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अभिषेक बजरंग दल का कार्यकर्ता था और उस दिन नूंह ब्रजमण्डल जलाभिषेक यात्रा में शामिल होने के लिए गया था.

नूंह में चल रहा बुलडोजर

नूंह से अब हिंसा की खबरों की जगह प्रशासन की कार्रवाई की खबरों ने ले ली है. नूंह में प्रशासन ने 31 जुलाई की हिंसा में शामिल संदिग्ध लोगों के मकान, दुकानें, झुग्गियों आदि पर बुलडोजर चला करउन्हें तोड़ने का अभियान चार दिनों तक चलाया.

यह कार्रवाई सोमवार सात अगस्त की सुबह तब जा कर रोकी गई जब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इसे रोकने का आदेश दिया. लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अभी तक 750 से भी ज्यादा इमारतों को गिरा दिया गया है.

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अकेले रविवार छह अगस्त को ही 94 घरों और 212 अन्य ढांचों को गिरा दिया गया. प्रशासन इस कार्रवाई का आधिकारिक कारण अवैध निर्माण बता रहा है लेकिन साथ ही इसे नूंह हिंसा से जुड़ा हुआ भी बता रहा है.

चपेट में रोहिंग्या शरणार्थी 

एसडीएम अश्वनी कुमार ने पत्रकारों को बताया कि यह अवैध निर्माण थे और इनके मालिकों को पहले से नोटिस दिए जा चुके थे. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से कुछ अवैध इमारतों के मालिक 31 जुलाई की हिंसामें भी शामिल थे इसलिए इन इमारतों को तोड़ा गया.

रविवार को नूंह पुलिस ने शहर में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई की. पुलिस का कहना था कि कई रोहिंग्या शरणार्थी भी 31 जुलाई की हिंसा में शामिल पाए गए थे. उनमें से कई शरणार्थियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उनकी झुग्गियों को तोड़ दिया.