तेलंगाना पर श्रीकृष्ण रिपोर्ट निष्पक्ष होगी
२९ दिसम्बर २०१०कमेटी के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण ने उम्मीद जताई कि उनकी रिपोर्ट से आंध्र प्रदेश के बंटवारे और अलग तेलगांना राज्य के गठन के मुद्दे का हमेशा के लिए हल निकल जाएगा.
पांच सदस्यीय समिति की रिपोर्ट शुक्रवार तक गृहमंत्री पी चिदंबरम को सौंपी जानी है. जस्टिस श्रीकृष्ण ने रिपोर्ट के ब्यौरे पर बातचीत करने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह रिपोर्ट सभी राजनीतिक दलों को स्वीकार्य होगी.
"मैं उम्मीद करता हूं कि रिपोर्ट सौंपने के बाद राज्य में शांति बनी रहेगी. यह सुनिश्चित करना राजनीतिक दलों और मीडिया का काम है." समिति का कहना है कि राजनीतिक दलों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि राज्य में शांति और समरसता को कायम रखा जाएगा.
समिति के सदस्य विनोद दुग्गल ने बताया, "हमने कई विकल्पों पर उनके नफे नुकसान को ध्यान में रखते हुए विचार किया है. ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग रिपोर्ट से संतुष्ट होंगे. मुझे लगता है कि हम अपने उद्देश्य में सफल रहे हैं."
इस कमेटी का गठन 3 फरवरी को किया गया था. उधर आंध्र प्रदेश सरकार ने श्रीकृष्ण समिति की रिपोर्ट आने से पहले तेलंगाना राज्य के समर्थन में आंदोलन कर रहे छात्रों पर से मुकदमे वापस ले लिए हैं.
इसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने भूख हड़ताल भी खत्म कर दी. आंध्र प्रदेश के गृहमंत्री पी सबिता इंदिरा रेड्डी ने बताया कि सरकार ने छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस ले लिए हैं. राज्य विधानसभा में राजनीतिक दलों ने इसकी मांग की थी.
जबरदस्त आंदोलन के आगे झुकते हुए दिसंबर 2009 में केंद्र सरकार ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए प्रक्रिया की शुरुआत करने की घोषणा की. लेकिन तटीय आंध्र और रायलसीमा में आंध्र प्रदेश का बंटवारा किए जाने का विरोध शुरू हो गया जिसके बाद केंद्र सरकार पसोपेश में पड़ गई. इसके बाद फरवरी 2010 में श्रीकृष्ण समिति का गठन किया गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन