1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

तेलंगाना बंद के दौरान हिंसा और तनाव

२० जनवरी २०१०

बुधवार को तेलंगाना बंद के दौरान स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस ने स्टुडेन्ट एक्शन कमिटी के सदस्यों पर लाठीचार्ज किया. अलग तेलंगाना मुद्दे पर उस्मानिया यूनिवर्सिटी के एक छात्र के आत्मदाह के बाद बंद बुलाया गया था.

https://p.dw.com/p/LbRC
पहले भी छात्रों ने प्रदर्शन किया थातस्वीर: AP

पृथक तेलंगाना की मांग को लेकर छात्र संघर्ष समिति ने 48 घंटे के बंद का आह्वान किया था जिसका असर हैदराबाद सहित दस ज़िलों में नज़र आ रहा है. बंद के कारण बसें नहीं चली. वहीं दुकानें, व्यापारिक संस्थान और शिक्षा संस्थान बंद रहे. कई जगहों पर पैट्रोल पंप भी बंद देखे गए. इस कारण ऑफ़िस जाने वालों को भारी परेशानी उठानी पड़ी

उधर उस्मानिया यूनिवर्सिटी के वेणुगोपाल रेड्डी की शवयात्रा के दौरान छात्रों ने पत्थरबाज़ी की और नारे लगाए. 23 साल के एमसीए फ़ाइनल के छात्र ने मंगलवार को आत्मदाह कर लिया था. छात्रों को क़ाबू में रखने के लिए पुलिस ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी के कैम्पस में लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़ी. रिपोर्टें हैं कि इस हिंसा में कुछ छात्र घायल भी हुए हैं. पृथक तेलंगाना के मुद्दे पर अब तक तीन लोग आत्महत्या कर चुके हैं.

मंगलवार को उस्मानिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रेड्डी के शव को आर्ट कॉलेज के बाहर रखा और उनकी मांग थी कि जब तक एमपी और एमएलए अपने पद से इस्तीफ़ा नहीं देंगे तब तक रेड्डी के शव को नहीं ले जाने दिया जाएगा.

रेड्डी ने आत्महत्या के पहले लिखे पत्र में लिखा था कि "मैं ख़ुद को मार रहा हूं क्योंकि तेलंगाना नहीं बन रहा है."

इसी बीच तेलंगाना राष्ट्र समिति के एमएलए मंगलवार शाम से स्पीकर एन किरन कुमार रेड्डी के घर के बाहर धरने पर बैठे हैं और उनकी मांग है कि उन सभी के इस्तीफ़े स्वीकार किए जाएं.

बुधवार को तेलंगाना इलाके के सभी सांसदो और राज्य सभा सदस्यों को हैदराबाद बुलाया गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ आभा मोंढे

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य