जर्मन जासूसों ने नाजी को बचाया
११ जनवरी २०११जर्मनी के सबसे अधिक बिकने वाले दैनिक बिल्ड ने एक दस्तावेज के हवाले से खबर दी है, "एसएस कर्नल आइषमन क्लेमेंस नाम से अर्जेंटीना में रह रहा है. अर्जेंटीना में जर्मन अखबार डेअर वेग के संपादक को 'ई' के पते की जानकारी है."
सीआईए द्वारा 2006 में सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के अनुसार जर्मनी ने इसके बारे में अमेरिकी खुफिया सेवा सीआईए को छह साल बाद जानकारी दी.
1960 में इस्राएली खुफिया सेवा मोसाद के एजेंटों ने आइषमन का ब्यूनस आयर्स में अपहरण कर लिया और उसे इस्राएल ले गए. नाजी तानाशाह अडोल्फ हिटलर के यहूदी नरसंहार के 'फाइनल सोल्यूशन' को अमली जामा पहुंचाने वाले प्रमुख नाजी आइषमन पर मुकदमा चलाया गया और 1962 में फांसी दे दी गई.
इस दस्तावजों को पाने के लिए अखबार ने जर्मन सरकार पर देश की सर्वोच्च अदालत में मुकदमा किया था. इतिहासकार बेटीना श्टांग्नेथ ने इस जानकारी को सनसनी बताया है. आइषमन पर उनकी एक किताब इस साल अप्रैल में बाजार में आ रही है.
यहूदी नरसंहार होलोकास्ट में जीवित बचे लेगों और उनके परिजनों के अमेरिकी संगठन ने आइषमन के ठिकाने के बारे में पता होने के दावों को विचलित करने वाला बताया है. एक बयान में कहा गया है कि दस्तावेजों को सार्वजनिक करने में बीएनडी की अनिच्छा भी समान रूप से विचलित करने वाली है जो युद्ध के बाद नाजियों के बारे में और इस दुखद अतीत पर रोशनी डाल सकती है.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहचान बदल कर रहने वाले नाजियों की खोज करने वाले वीजेनथाल सेंटर के एफराइम जूरॉफ ने कहा है कि जर्मनी नाजी अपराधियों को पकड़ने के प्रयासों में अच्छी भूमिका निभा रहा है लेकिन रिपोर्ट उस समय के जर्मन अधिकारियों की निरी उदासीनता को दिखाती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार