शपथ के साथ अमेरिका को लिया आड़े हाथ
५ अगस्त २००९बुधवार को ईरानी संसद में हुए एक समारोह में अहमदीनेजाद ने अगले चार साल के लिये राष्ट्रपति पद की शपथ ली. जून में हुए चुनावों में उन्होंने ज़बरदस्त जीत दर्ज की थी जबकि विपक्ष ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाया जिसके बाद इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में सबसे बड़ी उथल पुथल देखने को मिली.
अपनी भविष्य की योजना को पेश करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा कि वह "दमनकारी शक्तियों" का विरोध जारी रखेंगे. उन्होंने ईरान के प्रति अमेरिका के रूख को ख़ारिज किया और हाल के चुनावों में अपनी जीत को ईरान में बड़े बदलाव का संकेत बताया.
मुख्य विपक्षी नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया. चुनाव में पराजित उम्मीदवार मीर हुसैन मुसावी के साथ साथ महत्वपूर्ण उलेमा और पूर्व राष्ट्रपति अकबर हाशमी रफ़्संजानी भी इससे अलग ही रहे. अहमदीनेजाद के शपथ ग्रहण समारोह में ईरानी संसद के कुल 290 सदस्यों में 240 सदस्यों ने हिस्सा लिया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. एक व्यक्ति ने बताया, "प्रदर्शनकारी अहमदीनेजाद के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे. पुलिस और बासिज मिलिशिया ने उन्हें तितरबितर किया. आसपास की सभी दुकानें बंद हैं." एक अन्य समूह ने भी प्रदर्शन करने की कोशिश की लेकिन उसे भी रोक दिया गया.
ईरान में हुए विवादास्पद चुनावों और उसके बाद हुई हिंसा की पश्चिमी जगत में हुई ख़ूब आचोलना हुई. इसके बावजूद बड़ी संख्या में विदेशी राजनयिक अहमदीनेजाद के शपथ ग्रहण के मौक़े पर मौजूद थे. इनमें ब्रिटेन और फ़्रांस के अलावा यूरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष स्वीडेन के राजदूत भी शामिल थे.
ईरान की ग़रीब जनता में अहमदीनेजाद ख़ासे लोकप्रिय है लेकिन उनके फिर से चुने जाने का तेहरान में ख़ूब विरोध हुआ. चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई में लगभग 30 लोग मारे गए और तक़रीबन दो हज़ार लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया. इनमें से 110 के ख़िलाफ़ मुक़दमा चल रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ ए कुमार
संपादनः आभा मोंढे