चीनी सैनिकों पर विदेश मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
७ अप्रैल २०११भारतीय विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "हमने इस बारे में मीडिया में आई खबरें देखी हैं. सरकार सरहदों पर चल रही उन सभी गतिविधियों पर निगाह रखे हुए है जिनका देश की सुरक्षा पर असर हो सकता है. हम लगातार अपने सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही देश की अखंडता और लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं." भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही.
होती रहती हैं घटनाएं
विदेश सचिव निरुपमा राव से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था, "मैंने इस बारे में रक्षा मंत्रालय से और ज्यादा विस्तार से रिपोर्ट देने को कहा है." साथ ही राव ने माना कि समय समय पर इस तरह की अतिक्रमण की घटनाएं होती रहती हैं. विदेश सचिव ने कहा,"मैं अतिक्रमण शब्द का इस्तेमाल करूंगी, घुसपैठ का नहीं. क्योंकि समय समय पर इस तरह की कुछ घटनाएं हो जाती हैं. नियंत्रण रेखा पर कई बार वे हमारे इलाके में आ जाते हैं या फिर कई बार हमारे सैनिकों के भी उनके इलाके में चले जाने की बात सामने आती है. पिछले कुछ समय से यह हो रहा है."
विदेश सचिव के मुताबिक भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में दोनों देशों की धारणा में फर्क है और इस फर्क को खत्म करने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विस्तार से चर्चा करने की जरूरत है."
और करें क्या
राव ने सीधे सीधे पत्रकारों से ही सवाल दाग दिया, "हमारे पास रास्ता क्या है? हम तनाव बढ़ाने वाले तरीकों के बारे में नहीं सोच सकते. हम नहीं चाहते कि दोनों देशों के बीच कोई तनाव हो. जरूरत इस बात की है कि उचित तरीके से इस पर चर्चा की जाए. दुनिया के सारे देश इस तरह की समस्याओं से जूझते हैं." विदेश सचिव के मुताबिक इस तरह के मामलों में तनाव बढ़ा कर कुछ हासिल नहीं किया जा सकता. इन मुद्दों को सुलझाने के लिए एक ही तरीका है कि बातचीत की जाए. राव का कहना है कि दोनों देशों के बीच बातचीत में इस तरह के मुद्दे उठाए गए हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार