गद्दाफी के गृह नगर पर विद्रोहियों का 'कब्जा'
२८ मार्च २०११अल जजीरा चैनल ने विद्रोहियों की राष्ट्रीय परिवर्तन परिषद के प्रवक्ता के हवाले से खबर दी है कि जब उन्होंने रविवार को स्थानीय समय के अनुसार रात साढ़े ग्यारह बजे (जीएमटी 2130 बजे) गद्दाफी के गृह नगर सिर्ते में प्रवेश किया तो उन्हें किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा. शम्सी अब्दुल मौला के मुताबिक, "शहर पूरी तरह हथियार मुक्त था. वहां पहुंचने में उन्हें दिक्कत नहीं हुई."
वैसे इस दावे की अभी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बेनगाजी में इस खबर पर विद्रोहियों ने हवा में गोलियां दाग कर खुशियां मनाईं. पूर्वी शहर बेनगाजी को विद्रोहियों का गढ़ माना जाता है. वैसे रविवार को सिर्ते से सेना के वाहनों को हटाया गया. उन्हें दक्षिण पश्चिम में चार सौ किलोमीटर दूर राजधानी त्रिपोली की तरफ जाते देखा गया.
विद्रोहियों को कामयाबी
अमेरिकी नेतृत्व में गठबंधन सेना की मदद से विद्रोहियों को कामयाबी मिल रही है. सबसे पहले 19 मार्च को फ्रांस और ब्रिटेन ने लीबिया के वायु रक्षा तंत्र और थलसेना पर बमबारी की और संयुक्त राष्ट्र की तरफ से लगाए गए नो फ्लाई जोन को लागू किया. रविवार को लीबिया के सरकारी टीवी ने खबर दी कि सिर्ते पर पहली बार हवाई हमले किए गए हैं. रविवार को त्रिपोली में फिर हमलों की बात कही गई है.
सिर्ते की तरफ बढ़ने से पहले विद्रोही बिन जवाद, रास लानुफ, अहम तेल बंदरगाह अल बुराका और उकायला शहर पर नियंत्रण कर चुके हैं. उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया के पूर्वी हिस्से में पड़ने वाले सभी अहम तेल टर्मिनलों पर अब विद्रोहियों का कब्जा है. सिर्ते के बाद विद्रोहियों की नजर मिसराता पर होगी जो लीबिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और उसे त्रिपोली तक पहुंचने का रास्ता भी माना जा रहा है.
सोमवार सुबह सिर्ते में नौ शक्तिशाली बम धमाकों की भी खबर है. रविवार को भी वहां दो धमाके हुए. सरकारी टीवी ने इन्हें गठबंधन सेनाओं की बमबारी बताया है. सोमवार को सिर्ते की गलियां खाली और शांत दिखीं. यह कहना अभी संभव नहीं है कि रात भर हुई बमबारी में कितना नुकसान हुआ है. इस बीच कई विदेशी पत्रकारों को शहर का दौरा भी कराया गया है.
रिपोर्टः एजेंसिंयां/ए कुमार
संपादनः आभा एम