केन्या के तीन मंत्रियों पर हिंसा के आरोप
१६ दिसम्बर २०१०कोर्ट के इस एलान का इंतजार काफी समय से किया जा रहा था. इसका असर देश के नाजुक सत्ताधारी गठबंधन पर हो सकता है जिसे प्रधानमंत्री राएला ओडिंगा और राष्ट्रपति म्वाई किबाकी ने खूनखराबा रोकने और स्थिरता लाने के लिए बनाया है.
शक के दायरे में आए छह लोगों में वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री उहूरू केन्याता, केन्या के संस्थापक माने जाने वाले जोमो केन्याता के बेटे और उच्च शिक्षा मंत्री विलियम रूतो शामिल हैं. इसके अलावा उद्योग मंत्री हेनरी कोसगे, पूर्व पुलिस प्रमुख मोहम्मद हुसैन अली, रेडियो एग्जेक्यूटिव जोशुआ अराप सांग और कैबिनेट सचिव फ्रांसिस मथुआरा शामिल हैं. इन पर लगे आरोपों में कत्ल, लोगों को जबरन एक जगह से दूसरी जगह भेजना, प्रता़ड़ना और बलात्कार शामिल हैं.
दिसंबर 2007 में चुनाव बाद हुई हिंसा में 1220 से ज्यादा लोग मारे गए और साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए. इससे देश की छवि को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी नुकसान हुआ.
अली के अलावा बाकी संदिग्धों ने कहा है कि वे खुद हेग जाएंगे क्योंकि उन्हें भरोसा है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. अली ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. कोर्ट का कहना है कि संदिग्ध अगर खुद पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ वॉरंट जारी किया जाएगा.
राष्ट्रपति किबाकी ने कहा है कि वह फिलहाल संदिग्धों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का मुकदमा पूरा होने में अभी काफी वक्त लगेगा. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, "जब तक कोर्ट में आरोप साबित नहीं हो जाते, उन्हें दोषी नहीं माना जा सकता. इसलिए अभी से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करना जल्दबाजी होगा और यह कुदरत के इंसाफ के नियमों के खिलाफ होगा."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार