रामनवमी दंगों के दौरान हत्या के आरोप में पांच गिरफ्तार
२२ अप्रैल २०२२खरगोन पुलिस ने पत्रकारों को बताया कि दंगों की रात सात-आठ लोगों ने 28 साल के इब्रिस खान की हत्या कर दी थी. कार्यकारी पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि हमलावरों ने 'धार्मिक उन्माद' में खान को मार डाला था.
शव जब अगले दिन बरामद हुआ तो उसकी पहचान नहीं हो पाई और खरगोन में शवों को बर्फ में रखने वाले मुर्दाघरों के अभाव की वजह से शव को 120 किलोमीटर दूर इंदौर मुर्दाघर में भेज दिया गया.
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'धार्मिक उन्माद' का नतीजा
काशवानी ने बताया कि हत्या के आरोप में दिलीप, संदीप, अजय कर्मा, अजय सोलंकी और दीपक प्रधान नाम के पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन तीन और फरार हैं. उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है.
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चश्मदीद गवाहों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने जिन लोगों को इब्रिस पर हमला करते देखा था, ये पांच लोग उनमें शामिल थे. कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि इब्रिस के परिवार ने पुलिस पर भी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है.
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पुलिस पर सवाल
इब्रिस के भाई इख्लाक ने पत्रकारों के सामने दावा किया कि उनके भाई को आखिरी बार खरगोन में पुलिस की ही हिरासत में देखा गया था. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मीडिया के सामने जाने की धमकी दी तब जा कर पुलिस ने इब्रिस की जानकारी उसके परिवार को दी. पुलिस ने इन आरोपों पर अभी कुछ नहीं कहा है.
इब्रिस की मौत खरगोन में हुए दंगों में सामने आने वाला हत्या का पहला मामला है. दंगे 10 अप्रैल को शहर में रामनवमी के अवसर पर एक शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान हुए थे.
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दंगों में शामिल होने के संदेह में अभी तक कम से कम 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से कइयों के मकान और दुकानें अवैध अतिक्रमण बता कर स्थानीय प्रशासन ने तुड़वा दिए. शहर में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है. 21 अप्रैल को कर्फ्यू में छह घंटों की ढील दी गई थी.