पहले चरण के मतदान के लिए तैयार गुजरात
३० नवम्बर २०२२2024 में होने वाले लोक सभा चुनावों से करीब डेढ़ साल पहले होने वाले गुजरात विधान सभा चुनावमें चुनाव लड़ने वाली लगभग सभी पार्टियों के लिए अलग अलग दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं. यही कारण है कि सभी पार्टियों के सभी बड़े नेता इन दिनों गुजरात में नजर आ रहे हैं.
बीजेपी के लिए गुजरात पार्टी के मौजूदा केंद्रीय नेतृत्व की शक्ति का स्रोत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की राजनीति की शुरुआत भी यहीं से हुई और राष्ट्रीय राजनीति में जाने के दरवाजे भी यहीं से खुले.
दोनों को राष्ट्रीय राजनीति में आए आठ साल से ज्यादा हो गए लेकिन दोनों नेता आज भी अपने गृह राज्य की राजनीति पर मजबूत पकड़ बनाए रखने की निरंतर कोशिश में रहते हैं. खुद प्रधानमंत्री शायद ही किसी और राज्य के दौरे पर उतनी बार गए होंगे जितनी बार वो गुजरात गए होंगे.
बीजेपी के लिए चुनौती
बीजेपी राज्य में27 सालों से सत्ता में है लेकिन इस बार के चुनावपार्टी के लिए और ज्यादा जरूरी हैं. 2017 में हुए पिछले चुनाव पार्टी जीत तो गई थी, लेकिन एक बड़े झटके के साथ. ये मोदी और शाह के राज्य की राजनीति से निकल जाने के बाद पहले विधानसभा चुनाव थे और पार्टी ने 2012 के मुकाबले 16 सीटें गंवा दी थीं.
कांग्रेस को कई सालों में पहली बार राज्य में 16 सीटों की बढ़त मिली थी. इसलिए बीजेपी के सामने इस बार चुनौती सिर्फ सत्ता में बने रहने की नहीं बल्कि कांग्रेस को पहले से ज्यादा सीटें हासिल करने से रोकने की भी है.
कांग्रेस के लिए जहां पिछले चुनाव अच्छी खबर और उम्मीद ले कर आए थे वहीं इस बार स्थिति उतनी अच्छी नहीं है. 2017 में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के पीछे गुजरात के तीन युवा नेताओं - हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी - की बड़ी भूमिका थी.
त्रिकोणीय मुकाबला
इस बार हार्दिक और अल्पेश दोनों बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस के पास रह गए हैं सिर्फ जिग्नेश. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए इस बार एक नई चुनौती है - आम आदमी पार्टी. दिल्ली और पंजाब की राजनीति में अपनी धाक जमाने के बाद 'आप' ने गुजरात पर अपना सारा ध्यान केंद्रित किया हुआ है.
खुद पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई बार प्रचार के लिए गुजरात जा चुके हैं और विधान सभा की कुल 182 सीटों में से कम से कम 92 सीटों पर पार्टी की जीत का दावा कर चुके हैं.
पार्टी ने पूर्व पत्रकार और लोकप्रिय टीवी एंकर इसुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी बना दिया है. गढ़वी खंभालिया विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं जहां पहले ही चरण में मतदान होना है.