क्यों बदला गया गुजरात का मुख्यमंत्री?
१३ सितम्बर २०२१रविवार को भूपेंद्र पटेल को विधायक दल का नेता चुना गया. वैसे पटेल पूर्व मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी रहीं आनंदीबेन पटेल का बेहद करीबी माना जाता है. इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि पटेल दरअसल नरेंद्र मोदी की पसंद हैं.
पटेल को जब विधायक दल का नेता चुना गया तब गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मौजूद रहे, जिन्होंने हाल ही में पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने पटेल को पद सौंपे जाने का स्वागत किया और कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी सफलतापूर्वक चुनाव लड़ेगी. गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
कहां से आया भूपेंद्र पटेल का नाम?
भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया जाना बहुत से लोगों को हैरान करने वाला फैसला था. विधायक दल की बैठक में दो केंद्रीय मंत्रियों मनसुख मांडविया और पुरुषोत्तम रूपाला के अलावा लक्षद्वीप के विवादित प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल और राज्य के कृषि मंत्री आरसी फालदू का भी नाम चर्चा में रहा.
तस्वीरों में वे लम्हे जिन्हें भुलाना नामुमकिन
स्वराज्य अखबार के सलाहकार संपादक आनंद रघुनाथन कहते हैं कि पत्रकारों की तो छोड़िए, खुद भूपेंद्र पटेल को आखिरी मिनट तक नहीं पता था कि वह सीएम बनने जा रहे हैं.
गुजरात की अंदरूनी राजनीति से परिचित एक पत्रकार ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा कि भूपेंद्र पटेल को यह पद मिलना आनंदीबेन का बदला है. वह बताती हैं, "भूपेंद्र पटेल आनंदीबेन के बेहद करीबी हैं. जिस तरह आनंदीबेन पटेल को पद से हटाया गया था, उसका बदला अब उन्होंने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनवाकर ले लिया है.”
भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन और अहमदाबाद अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी में रहे हैं. बहुत से लोग मानते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने से राज्य में बीजेपी मजबूत होगी. बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया.
उन्होंने लिखा, "बहुत अच्छी बात है कि भूपेंद्र पटेल को गुजरात का नया मुख्यमंत्री चुना गया है. अब बीजेपी का गुजरात की सत्ता में लौटना सुनिश्चित है.”
विजय रुपाणी के साथ क्या हुआ?
विजय रुपाणी को गृह मंत्री अमित शाह का बेहद करीबी माना जाता है. गुजरात की राजनीति पर निगाह रखने वाले लोग मानते हैं कि अमित शाह के कारण ही रुपाणी को मुख्यमंत्री पद मिला था लेकिन पार्टी और जनता दोनों में उनकी छवि वैसी नहीं बन पाई, जिसके जरिए बीजेपी चुनाव जीत सके.
‘ऑफ द रिकॉर्ड' तो इस तरह की बातें भी चर्चा में हैं कि अमित शाह ने कुछ दिन पहले विजय रुपाणी को बता दिया था कि अब उन्हें नहीं बचाया जा सकता. एक पत्रकार बताती हैं, "विजय रुपाणी को हटाने के पीछे एक बड़ी वजह भ्रष्टाचार भी है. उनकी छवि खराब हो रही थी.”
विजय रुपाणी ने 2016 में पद संभाला था और शनिवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया. हालांकि इस बड़े बदलाव की चर्चा गलियारों में तभी से गर्म थी जब अमित शाह गुजरात दौरे पर गए थे. भले ही रुपाणी ने मीडिया के सामने कहा भी था कि कोई बदलाव नहीं हो रहा है. लेकिन शनिवार को अचानक उन्हें पद छोड़ना ही पड़ा.
‘जन की बात' अखबार के संपादक प्रदीप भंडारी लिखते हैं कि पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "दो दिन तक मीडिया की अटकलों के बाद, पहली बार विधायक बने पाटीदार समाज के भूपेंद्र पटेल को विजय रुपाणी की जगह सीएम बनाया गया है. मुझे इससे समझ आया कि पीएम मोदी ने बता दिया, बॉस कौन है.”
बहुत से विश्लेषक एक पटेल को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी के पाटीदार समाज का समर्थन वापस पाने के प्रयास के तौर पर भी देख रहे हैं. 2017 में बीजेपी को पाटीदार समाज के 55 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि 2012 में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत था.
देखिएः नरेंद्र मोदी के अलग-अलग रूप