पाकिस्तान में सबसे ज्यादा शरणार्थी
२१ जून २०१३यूएनएचसीआर के वार्षिक आंकड़े बताते हैं कि 11 लाख लोग सीमा पार जाने को मजबूर हुए, जबकि 65 लाख अपने ही देश में विस्थापित हैं. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त एंटोनियो गुटेरेस ने बताया, "इसका मतलब है कि हर 4.1 सेकंड में एक, यानी आप एक बार पलक झपकाते हैं तो कोई आदमी अपना घर बार छोड़ने को मजबूर होता है. ये चेतावनी देने वाले आंकड़े हैं. ये हर व्यक्ति की पीड़ा दिखाते हैं."
अफगानिस्तान के हालात
4 करोड़ 52 लाख लोगों में 2 करोड़ 88 लाख लोग आंतरिक तौर पर विस्थापित हैं. गुटेरेस के मुताबिक, "इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों के होने का मुख्य कारण युद्ध है. इनमें से 55 फीसदी अफगानिस्तान, सोमालिया, इराक, सूडान और सीरिया के कारण हैं."
आज सबसे ज्यादा शरणार्थी अफगानिस्तान के हैं. जहां 32 साल से हालात ठीक नहीं हो सके हैं. दुनिया भर में चार में से एक शरणार्थी अफगान होता है. गुटेरेस ने माली, कांगो और मध्य अफ्रीकी गणतंत्र में जारी संघर्ष की ओर भी ध्यान दिलाया.
बढ़े हुए संकटों के कारण शरणार्थियों की संख्या 1994 के बाद से सबसे ज्यादा हो गई है. वह साल रवांडा नरसंहार और पूर्वी यूगोस्लाविया में खून खराबे वाला था.
विकासशील देशों से मदद
2012 में 21 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए जबकि 5.5 लाख के करीब लोग लौट कर भी आए. लेकिन नए संघर्षों और संकटों के कारण विस्थापितों की संख्या कम होने की बजाए बढ़ गई है. गुटेरेस ने ध्यान दिलाया कि सीरिया में हिंसा के कारण 2012 के आखिर तक यहां से जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 6.5 लाख हो गई थी. यूएनएचसीआर ने चेतावनी दी है कि 2013 के आखिर तक यह संख्या 35 लाख हो सकती है. सीरिया से निकले लोग लेबनान, जॉर्डन, तुर्की, इराक रहने गए हैं.
गुटेरेस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है. गुटेरेस ने बताया कि आज दुनिया में विकासशील देश शरणार्थियों की ज्यादा मदद कर रहे हैं.
2012 में पाकिस्तान शरणार्थियों की सबसे ज्यादा संख्या वाला देश बना रहा. यहां 16 लाख शरणार्थी हैं. इनमें सबसे ज्यादा अफगानिस्तान के हैं. इसके बाद ईरान में 8.75 लाख शरणार्थी हैं. जर्मनी तीसरे नंबर पर है. यहां 5.89 लाख शरणार्थी है.
भारत के पूर्वोत्तर राज्य आसाम में अगस्त 2012 की जातीय हिंसा के बाद 4 लाख लोगों के वहां से विस्थापित होने की रिपोर्टें थीं. इसके अलावा कश्मीर, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा के कारण विस्थापित लोगों की संख्या भी हजारों में है.
एएम/आईबी (एएफपी, डीपीए)