1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सीरियाई विद्रोहियों को हथियार

२८ मई २०१३

ब्रिटेन और फ्रांस यूरोपीय संघ में सीरिया में विद्रोहियों को हथियार देने की अपनी मांग मनवाने में कामयाब रहे हैं. हथियार देने पर लगी रोक को नहीं बढ़ाया गया है लेकिन आर्थिक प्रतिबंधों को बढ़ा दिया गया है.

https://p.dw.com/p/18fFD
तस्वीर: Reuters

यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों ने सीरिया पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है, लेकिन हथियार देने पर लगे प्रतिबंध को नहीं, जो शनिवार पहली जून से समाप्त हो जाएगा. अब यह सवाल कि हथियार दिया जाए या नहीं इसका फैसला सदस्य देश अकेले कर सकेंगे. इसके साथ ब्रिटेन और फ्रांस ने संघ के दूसरे देशों से अपनी बात मनवा ली.

लेकिन इस फैसले पर कुछ देश काफी नाराज हैं. ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री मिषाएल श्पिंडेलेगर ने ब्रिटेन और फ्रांस पर अप्रत्यक्ष रूप से ब्लैकमेल का आरोप लगाया है. इसके बावजूद बाहर की ओर ईयू के देश अपने फैसले को साझा फैसला बताकर पेश कर रहे हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री लौरां फाबिउस का कहना है कि विद्रोहियों को हथियार देने की शर्तें साथ मिलकर तय की गई हैं. सिर्फ लोकतांत्रिक ताकतों की मदद की जाएगी. ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग ने भरोसा दिलाया, "हम स्थिति की गंभीर जांच और अंतराष्ट्रीय कानून की सहमति से दूसरे देशों के साथ बातचीत के बाद ही हथियार मुहैया कराएंगे."

EU Außenminister zu Syrien Brüssel 27.05.2013
ईयू ने हथियार देने का फैसला कियातस्वीर: picture alliance/AP Photo

सहमति की कोशिश

ईयू के विदेश मंत्री घंटों तक सहमति बनाने की कोशिश करते रहे. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने ब्रसेल्स पहुंचने से पहले ही चेतावनी दी थी कि सीरिया में कुछ कर सकने के लिए एकता जरूरी है, "यदि हम साझा यूरोपी के रूप में सीरिया में प्रभाव चाहते हैं तो सिर्फ तब, जब हम एकमत हैं." लक्समबर्ग के विदेश मंत्री जां आसेलबॉर्न ने तो यहां तक कहा, "समझौते के लिए अक्षम होना सबसे बुरा होगा. तब हम अपनी दुकान बंद कर सकते हैं."

लेकिन हथियारों पर प्रतिबंध हटाने पर काफी विवाद रहा. हेग ने अपने साथियों से सवाल किया, "कब तक हम देखते रहेंगे कि सीरिया के लोगों पर सभी प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है जबकि दुनिया का बड़ा हिस्सा उसे सुरक्षा की संभावना से इनकार कर रहा है?" फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने बढ़ते संदेह की बात की कि असद सरकार जहरीली गैस का इस्तेमाल कर रही है. हेग ने कहा कि यूरोपीय देशों के कुछ न करने से चरमपंथ बढ़ रहा है. ब्रिटिश विदेश मंत्री का कहना है कि विद्रोहियों को हथियार देने की उनकी मांग जून में होने वाले सीरिया सम्मेलन से पहले कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इससे सरकार को स्पष्ट संदेश मिलना चाहिए कि उसे गंभीरता से बातचीत करनी होगी.

हथियार होड़ का डर

ऑस्ट्रिया हथियार पर रोक हटाने की बहस का विरोध करने वालों में शामिल था. विदेश मंत्री श्पिंडेलेगर ने इसे अस्वीकार करते हुए मौजूदा यूरोपीय नीति में बदलाव बताया. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ शांति कायम करने वाली संस्था है और उसे युद्ध से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि हथियार की आपूर्ति सीरिया के लोगों की मदद भी नहीं करेगी, "यदि हम वहां ज्यादा हथियार पहुंचाएंगे, तो अंत में शांति नहीं आएगी बल्कि हथियारों की होड़ शुरू हो जाएगी."

Syrien Assad-Regime
सीरिया में दो साल का संघर्षतस्वीर: Reuters

यूरोपीय संघ में इस बात की चिंता है कि ये हथियार चरमपंथियों के हाथों पड़ सकते हैं. इसलिए भी कि विपक्ष पहले से कहीं ज्यादा बंटा हुआ है. हेग के विपरीत श्पिंडेलेगर का मानना है कि हथियारों की आपूर्ति सीरिया पर जेनेवा में होने वाले सम्मेलन को खतरे में डालेगी. हथियार होड़ के बदले वे राजनीतिक विचारों की होड़ चाहते हैं कि विवाद का कैसे समाधान किया जा सकता है.

कम से कम यह आशंका सच साबित नहीं हुई कि हथियारों पर प्रतिबंध हटाने से प्रतिबंधों का पूरा ढांचा चरमरा जाएगा. राष्ट्रपति असद, उनकी सरकार और उनके समर्थकों के खिलाफ सारे आर्थिक प्रतिबंध लागू रहेंगे. ईयू की विदेश नीति दूत कैथरीन ऐशटन ने 12 घंटे चली बैठक के बाद विदेश मंत्रियों के इरादे की तारीफ की, "यहां सभी विचार सचमुच सम्मानजनक हैं, क्योंकि हर कोई यह पता करने की कोशिश कर रहा था कि सीरिया की जनता की किस तरह सर्वोत्तम मदद की जा सकती है." लेकिन यह यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के बीच गंभीर मतभेदों पर पर्दा नहीं डाल सकता.

रिपोर्ट: क्रिस्टॉफ हासेलबाख/एमजे

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें