सिब्बल ने कैग रिपोर्ट पर सवाल उठाए
७ जनवरी २०११कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा की गलत नीतियों के कारण सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. कैग की रिपोर्ट के बाद से ही भारतीय राजनीति में हंगामा मचा है और इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग हो रही है. लेकिन टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल कैग रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.
"जिस तरह के तरीकों से कैंग नुकसान के इन आंकड़ों पर पहुंची है उससे हमें बेहद दुख पहुंचा है. इसका कोई आधार नहीं है. यह गलत ढंग से किया गया है. कैग ने खुद के साथ अन्याय किया है और आम आदमी के साथ भी वह न्याय नहीं कर रही है." वैसे सिब्बल ने माना है कि स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ी हुई है और इसकी जांच के लिए उन्होंने समिति का गठन किया है जो मामले की तह तक जाएगी. वैसे सरकार ने पिछले साल 3जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस की नीलामी की थी, उससे केंद्रीय राजस्व में 70 हजार करोड़ रुपये आए.
कैग की 77 पन्नों की रिपोर्ट को पिछले साल नवंबर में संसद में रखा गया. उसका कहना है कि 2जी स्पेक्ट्रम को आवंटित करते समय सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण ट्राई की सिफारिशों का भी सही से पालन नहीं हुआ. कैग की रिपोर्ट के बाद ही सरकार पर विपक्षी दलों के हमले में तेजी आई और राजा को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा.
वैसे संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) कैग की रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है. सरकार का कहना है कि पीएसी के पास अधिकार हैं कि वह स्पेक्ट्रम आवंटन के हर पहलू की जांच करे लेकिन विपक्ष जेपीसी की मांग पर अड़ा है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मामले में कोई भी जानकारी छिपाने से इनकार किया है और पीएसी के सामने पेश होने का प्रस्ताव भी रखा है लेकिन विपक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह