सत्ता की ट्रेन बीजेपी के स्टेशन पर नहीं रुकेगीः कांग्रेस
२९ मई २०११कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा, "बीजेपी में गृह युद्ध शुरू हो गया है. नीति और कार्यक्रम में कोई अंतर नहीं है. वे आपस में ही लड़ रहे हैं और यह उनका आंतरिक शक्ति संघर्ष है." अहमद के मुताबिक पद के लिए संघर्ष की शुरुआत प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने से शुरू हुई. सुषमा स्वराज लोकसभा में विपक्ष की नेता हैं तो अरुण जेटली राज्यसभा में हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "बीजेपी में प्रधानमंत्री पद का एक उम्मीदवार काफी समय में वेटिंग में है. वह 2004 से वेटिंग में हैं और 2013 तक इसी स्थिति में रह सकते हैं. बीजेपी को एक आसान बात समझ में नहीं आ रही कि सत्ता की ट्रेन अब उनके स्टेशन पर नहीं रुकेगी."
बेकार की बहस
तिवारी का कहना है कि स्वराज रेड्डी भाइयों के मामले में अपने हाथ धो रही हैं और दिल्ली में ये लोग बहस कर रहे हैं जबकि कर्नाटक जल रहा है. उन्होंने कहा, "स्वराज के स्वीकार करने से बीजेपी की सच्चाई सामने आ रही है कि पैसा बोलता है और रेड्डी और रेड्डी चल रहे हैं जबकि कर्नाटक में भ्रष्टाचार की आग लगी हुई है. बीजेपी के नीरो दिल्ली में समय गंवा रहे हैं." तिवारी ने बीजेपी पर शाब्दिक प्रहार करते हुए कहा, "बीजेपी को फिर से सोचना चाहिए कि क्या वह सच में विपक्षी पार्टी है या सिर्फ लाक्षणिक है."
स्वराज ने आरोप लगाया कि जनार्दन और करुणाकर रेड्डी को कैबिनेट में जगह देने का फैसला उन्होंने नहीं, बल्कि अरुण जेटली, एम वेंकैया नायडू और अनंत कुमार ने लिया था. विपक्ष की नेता ने साफ किया कि उन्होंने रेड्डी भाइयों को किसी तरह का संरक्षण नहीं दिया.
कांग्रेस ने इस पर कहा, "सवाल इसका नहीं है कि किसने येदियुरप्पा और रेड्डी के चुनाव का विरोध किया, बल्कि यह है कि उन्हें नियुक्त किया ही कैसे गया. बीजेपी को यह जवाब देना होगा कि भ्रष्टाचारियों को कर्नाटक का नेतृत्व दिया ही कैसे गया और क्यों पार्टी के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा और रेड्डी की धुन पर नाच रहे हैं."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ए कुमार