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रेड्डी भाइयों के लिए जिम्मेदार नहीं: सुषमा

२८ मई २०११

कर्नाटक में रेड्डी भाइयों का राजनीति में लाने से सुषमा स्वराज ने पल्ला झाड़ते हुए अरुण जेटली सहित अन्य नेताओं पर जिम्मेदारी डाली. जेटली और स्वराज के बीच मतभेद की अटकलों के बीच बीजेपी ने खबरों को निराधार करार दिया.

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तस्वीर: UNI

आउटलुक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, "इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता है. मैं आपको सच्चाई बताती हूं. बेल्लारी भाइयों को राजनीति में लाने में मेरा कोई हाथ नहीं है. उन्हें मंत्री बनाने या फिर उनका राजनीतिक कद बढ़ाने के लिए मैंने कुछ नहीं किया."

हाल के समय में कर्नाटक में बेल्लारी भाइयों का दबदबा नजर आने लगा है. जर्नादन, करुणाकर और सोमशेखर रेड्डी को सुषमा स्वराज के काफी करीब समझा जाता है और माना जाता है कि उन्हें सुषमा स्वराज का संरक्षण प्राप्त है. स्वराज और रेड्डी बंधुओं के बीच नजदीकी के उन दिनों से शुरू हुई जब 1999 के आम चुनाव में सुषमा स्वराज ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप के लिए भी काफी हद तक बेल्लारी बंधुओं पर अंगुलियां उठीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

Indien BJP-Politiker Arun Jaitley
तस्वीर: UNI

अब सुषमा स्वराज ने अपनी सफाई में कहा है कि बेल्लारी भाइयों को राजनीति में लाने के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं. "जब रेड्डी भाइयों को मंत्री बनाया गया, अरुण जेटली प्रभारी थे और येदियुरप्पा राज्य के मुख्यमंत्री थे. वेंकैया नायाडू और अनंत कुमार वहां वरिष्ठ मंत्री की हैसियत से थे. जो कुछ भी हुआ, उन लोगों के फैसलों के चलते हुए. मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है." जनार्दन रेड्डी और करुणाकर रेड्डी कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. सोमशेखर रेड्डी एक सरकारी संस्था के प्रमुख हैं और उन्हें मंत्री का दर्जा हासिल है.

स्वराज के मुताबिक रेड्डी बंधुओं से उनका ज्यादा संपर्क नहीं है और जब कभी वह बेल्लारी पूजा के लिए जाती हैं तभी उनकी मुलाकात होती है. "साल में एक बार के अलावा मैं उनसे मिलती नहीं हूं और न ही कोई बातचीत होती है." स्वराज ने तो कहा है कि वह रेड्डी भाइयों को मंत्री बनाने के खिलाफ थीं लेकिन अन्य पार्टी सदस्यों को कुछ राजनीतिक बाध्यताओं के चलते उन्हें मंत्री बनाना पड़ा. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया है कि 2009 में जब कर्नाटक बीजेपी में विद्रोह हुआ तो रेड्डी भाइयों को शांत करने के लिए उन्होंने उनसे बात की. लेकिन उनके मुताबिक राजनाथ सिंह और अरुण जेटली के कहने के बाद ही वह बात करने के लिए तैयार हुईं.

मीडिया में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के बीच तनातनी की खबरें आने के बाद बीजेपी ने साफ किया है कि दोनों नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं हैं. उस दौरान पार्टी अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह ने कहा है कि सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है. जो कुछ हुआ उनकी अध्यक्षता और सहमति से हुआ और वह इसकी जिम्मेदारी लेते हैं.

कर्नाटक में भ्रष्टाचार के लिए रेड्डी भाइयों पर सवाल खड़े हुए हैं और उनका राजनीतिक कद बढ़ाने में सुषमा स्वराज का हाथ माना जाता है लेकिन अब इसकी जिम्मेदारी वह अन्य नेताओं पर डाल रही हैं. हालांकि बीजेपी ने पार्टी में मतभेद की बातों से इनकार किया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उभ

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