"मंत्री ने मुझसे 15 करोड़ की रिश्वत मांगी"
१५ नवम्बर २०१०सोमवार को रतन टाटा ने कुछ साल पुरानी इस बात को उजागर किया. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर एक घरेलू विमान सेवा स्थापित करने के बारे में सोच रही थी. लेकिन उनकी कोशिशें कामयाब नहीं हो पाईं क्योंकि उन्होंने मंत्री को रिश्वत नहीं दी. उन्होंने इशारा करते हुए कहा कि आपको याद होना चाहिए, तब हमारे उस प्रोजेक्ट के बारे में काफी खबरें छपी थीं.
टाटा ने कहा, "हमने तीन प्रधानमंत्रियों से भी बात की. लेकिन उस एक शख्स ने एयरलाइंस बनाने की हमारी सारी कोशिशों को नाकाम कर दिया. बाद में एक साथी उद्योगपति ने मुझसे कहा कि तुम बेवकूफ हो, वह मंत्री तो 15 करोड़ रुपये चाहता था."
टाटा ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके इस बयान के बाद पूर्व केंद्रीय उड्डयन मंत्री सीएम इब्राहिम ने कहा कि उन्होंने टाटा का प्रोजेक्ट रोका था. उन्होंने कहा, "मैंने टाटा का प्रोजेक्ट रोका था क्योंकि यह देश हित में नहीं था." इब्राहिम देवेगौड़ा सरकार में उड्डयन मंत्री थे.
भारत के जानेमाने उद्योगपति टाटा ने यह बात उत्तराखंड में एक कार्यक्रम में एक दर्शक के सवाल के जवाब में कही. आठवें उत्तराखंड स्थापना वक्तव्य के तहत इस बार का विषय था, 21वीं सदी में भारत: अवसर और चुनौती.
देहरादून में आयोजित इस कार्यक्रम में टाटा ने यह भा साफ किया 2012 में रिटायर हो जाने के उनके कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं आया है. 72 अरब डॉलर की अपनी कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले टाटा अब अपना उत्तराधिकारी तलाश रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार