कवच बनाते दागी
१२ दिसम्बर २०१३रोमानिया की संसद में पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी सांसद और राष्ट्रपति को बचाने वाले एक बिल पर अप्रत्याशित रूप से मतदान होने के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना शुरू हो गई है. यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मुहिम पर नजर रखने वाले यूरोपीय आयोग ने चेतावनी दी है कि इस मुद्दे को वो अपनी रिपोर्ट में उठाएगा. आयोग के प्रवक्ता मार्क ग्रे ने पत्रकारों से कहा, "हमने अपनी पिछली रिपोर्टों में जोर दिया था कि उच्च सरकारी अधिकारियों को भ्रष्टाचार और हितों के टकराव के कानून के दायरे में लाना चाहिए. कानून की नजर में सभी नागरिक एक बराबर हों ये हमारे लिए महत्वपूर्ण सिद्धांत है."
अमेरिका ने कहा है कि रोमानिया की आपराधिक दंड संहिता में किया गया बदलाव एक गलत कदम है. बुखारेस्ट में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, "संसद का यह प्रस्ताव पारदर्शिता और कानून के शासन से दूर ले जाने वाला कदम है. यह निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला संकेत है. जिसकी वजह से रोमानिया की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.''
मंगलवार को न्याय समिति की गुप्त बैठक के बाद रोमानियाई संसद के निचले सदन ने संशोधन को स्वीकार कर लिया. राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी अभियोजक और मजिस्ट्रेट परिषद से कानून में बदलाव की सलाह नहीं ली गई. दोनों ने ही इस संशोधन की आलोचना की है.
राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी अभियोजक के मुताबिक 28 सांसदों के खिलाफ या तो भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं या फिर वो जेल में सजा काट रहे हैं. वाम और नरमपंथी गठबंधन के प्रमुख आलोचक रोमानिया के राष्ट्रपति ट्रायइन बसेस्कू ने दंड संहिता में बदलाव वाले बिल को वापस संसद भेजने का एलान किया है. राष्ट्रपति ने कहा, "पिछले दस साल से भ्रष्टाचार को खत्म करने की मेहनत एक ही बार में बर्बाद हो गई."
जजों की नेशनल यूनियन की प्रवक्ता डाना पासकुट ने कहा, "इन प्रस्तावों को अगर पास कर दिया जाता है तो सांसदों के खिलाफ जारी जांच रुक जाएगी. जिन सांसदों को सजा हुई है वह नए कानून के पास होने के बाद जेलों से आजाद हो जाएंगे.''
एक और आश्चर्यजनक कदम में मंगलवार को ही सांसदों ने एक ऐसा ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें भ्रष्टाचार की सजा काट रहे नेताओं को माफी दी जा सकेगी. हालांकि इस बिल पर फिलहाल मतदान नहीं हो सका है.
राष्ट्रपति बसेस्कू ने सांसदों को चेतावनी दी है कि इस कानून के कारण यूरोप में रोमानिया के भविष्य बर्बाद हो सकता है. विवाद पर सरकार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. पिछले दो सालों में पूर्व प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजे जा चुके हैं. रोमानियाई मीडिया ने भी नए कानून की तीखी आलोचना की है.
एए/ओएसजे (एएफपी)