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भारत के साथ सैन्य संबंधों में 'नई सफलताएं': चीन

२८ अप्रैल २०११

चीन ने भारत के साथ सैन्य रिश्तों में नई सफलताओं का दावा किया है. चीन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के सैन्य रिश्तों से बड़ी बाधा दूर हुई है. भारतीय रक्षा अधिकारी जल्द ही चीन जाएंगे.

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शीर्ष स्तर पर भारत और चीन के बीच संपर्क बढ़ रहा हैतस्वीर: AP

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग यांगशेंग के हवाले से चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यह रिपोर्ट छापी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग और नई दिल्ली के बीच सैन्य संबंधों में नई बड़ी सफलताएं सामने आई हैं. चीनी अधिकारी के मुताबिक जल्द ही भारत का एक रक्षा शिष्टमंडल चीन का दौरा करेगा.

शिष्टमंडल में भारतीय सेना की विभिन्न शाखाओं के अधिकारी होंगे. इनमें ज्यादातर अधिकारी ऐसी शाखाओं से होंगे जो सीमा पर निगरानी का काम करती हैं. गेंग ने ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया और कहा कि वक्त आने पर पर्याप्त जानकारी दी जाएगी.

इसी महीने चीन के शहर सान्या में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष नेताओं का सम्मेलन हुआ. इस समूह को ब्रिक्स कहा जाता है. सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने व्यापार असंतुलन को दुरुस्त करने के अलावा सैन्य आदान प्रदान को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई.

भारत और चीन के बीच सैन्य आदान प्रदान साल भर से बंद है. बीते साल चीन ने एक भारतीय सैन्य अधिकारी को वीजा देने से इनकार कर दिया था. जनरल बीएस जायसवाल भारत प्रशासित जम्मू कश्मीर में तैनात रहे. इसी को आधार बनाकर चीन ने जायसवाल को वीजा देने से इनकार कर दिया. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य आदान प्रदान बंद हो गया. जम्मू कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा देने से भी भारत चीन से नाराज था. लेकिन ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से पहले ही चीन ने नत्थी वीजा बंद कर विवाद को सुलझाने के संकेत दे दिए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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