बहरीन में इमरजेंसी की घोषणा
१५ मार्च २०११इमरजेंसी की अटकलों के बीच सऊदी अरब के सैनिकों के बहरीन में आने कि रिपोर्टें नया विवाद खड़ा कर रही हैं. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने बताया कि अमेरिका को जानकारी मिल चुकी है कि सऊदी सेना बहरीन जा रही है. कार्ने ने क्षेत्रीय साझेदारों से अपील की है कि बहरीन की जनता के अधिकारों को समझा जाना चाहिए और आपसी बातचीत को बढ़ावा देने के रास्ते पर जाना चाहिए. "अहम बात यही है कि हमारे सिद्धांत बहरीन सहित अन्य देशों पर भी लागू होते हैं और इसीलिए हम संयम की अपील कर रहे हैं."
अमेरिका ने कहा है कि अहिंसा का सहारा लेने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
अपनी मांगों और विरोध का प्रदर्शन करने की आजादी मिलनी चाहिए और राजनीतिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी तय होनी चाहिए. "हमारा यह विश्वास है कि क्षेत्रीय स्थिरता संवाद और राजनीतिक सुधारों के रास्ते ही आएगी. अगर लोगों की आवाज को दबाया जाता है तो फिर इससे नुकसान होगा."
संयम का परिचय दें
अमेरिका ने सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों से अपील की है कि संयम का परिचय देना चाहिए और लोगों के रोष का जवाब देने के लिए राजनीतिक संवाद की शुरुआत होनी चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने भाषण में कहा है कि राजनीतिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी नहीं होने के चलते ही जनता अलग थलग महसूस करती है.
बहरीन कई हफ्तों से सत्ता विरोधी प्रदर्शनों की लपेट में है और राजधानी मनामा के वित्तीय केंद्र पर प्रदर्शनकारी जमा है. लोग बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी से हताश हैं और मिस्र, ट्यूनीशिया की तरह बहरीन में भी सत्ता के पलटने की उम्मीद कर रहे हैं.
ऐसी रिपोर्टें हैं कि सऊदी सेना विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए बहरीन आ रही है. बहरीन में विपक्षी दलों ने इसे कब्जा बताते हुए इसकी घोर निंदा की है. रिपोर्टों के मुताबिक 1,000 सैनिक बहरीन की ओर आ रहे हैं लेकिन अभी तक बहरीन सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ईशा भाटिया