बजट घाटा करने वालों को होगी सजा
१९ अक्टूबर २०१०बजट घाटे पर लगाम न लगाने वाले देशों पर कार्रवाई वित्तीय अनुशासन लागू करने के प्रयासों का हिस्सा है ताकि ग्रीस और स्पेन जैसे आर्थिक संकट को भविष्य में टाला जा सके, जो पूरे यूरोप को अपनी चपेट में ले सकता है.
कड़े दंडात्मक कदमों का फैसला सोमवार रात जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी की डॉयविल में हुई शिखर भेंट में लिया गया. डॉयविल में हुई सहमति के अनुसार यूरोपीय संघ की स्थिरता संधि को तोड़ने वाले देशों को स्थिति सुधारने के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा, उसके बाद प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. जर्मनी और यूरोपीय आयोग नियमों के तोड़े जाने पर तुरंत ही प्रतिबंधों के लागू हो जाने की वकालत कर रहे थे.
इसके बदले सारकोजी ने यूरोपीय संधि की दो धाराओं में परिवर्तन का मैर्केल का प्रस्ताव मान लिया है. बजट घाटा न रोकने वाले देशों से मंत्रि परिषद में वोटिंग का अधिकार छीन लिया जाएगा. इसके अलावा मुश्किल में पड़े देशों की मदद के लिए स्थायी और मजबूत ढांचा बनाया जाएगा. मैर्केल पहले भारी कर्ज में डूबे देशों के लिए दिलाविया होने की नियमबद्ध प्रक्रिया की वकालत कर रही थीं.
जर्मनी और फ्रांस चाहते हैं कि यूरोपीय बचाव कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद नए परिवर्तन 2013 से लागू हो जाएं. सारकोजी के साथ बातचीत के बाद मैर्केल ने कहा कि संकट में उचित ढंग से कार्रवाई कर सकने के लिए हमें स्थायी संरचना चाहिए.
अगले सप्ताह होने वाली यूरोपीय शिखर भेंट में बजट घाटे पर यूरोपीय देशों का रुख तय कर लिया जाएगा. उसके बाद स्थिरता संधि में संशोधन को कानून का दर्जा दिया जाएगा जिसे औपचारिक रूप से सदस्य देश और य़ूरोपीय संसद द्वारा पास कराया जाएगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा एम