पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचेंगे अफगानी ट्रक
७ अक्टूबर २०१०चारों तरफ से घिरे अफगानिस्तान को इस करार के जरिए भारत तक अपना माल पहुंचाने की सुविधा मिल जाएगी. जुलाई में हुए इस करार के साथ ही 60 के दशक वाला पुराना करार खत्म हो गया है. बुधवार को पाकिस्तान की कैबिनेट ने इस करार पर अपनी रजामंदी की मुहर लगा दी. नए करार के बाद अफगान ट्रक तोरखाम के रास्ते पाकिस्तान के किसी भी शहर में जाकर अपना माल पहुंचा सकता हैं.
पाकिस्तानी ट्रकों को ये सुविधा अफगानिस्तान में पहले से ही मिल रही है. एक नई बात ये है कि इसके बदले में अफगानिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान को मध्य एशियाई देशों तक अपना माल पहुंचाने में भी करने देगा. करार में ये भी कहा गया है कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के सभी पोर्ट का इस्तेमाल ट्रांजिट ट्रेड के लिए कर सकेगा.
अफगान ट्रकों को पाकिस्तान के रास्ते वाघा बॉर्डर तक पहुंचने की इजाजत तो मिल गई है लेकिन भारतीय ट्रकों को पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में सामान ले जाने की इजाज़त नहीं मिली है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री कमर जमान काइरा ने कहा कि गाड़ियों की पूरी तलाशी ली जाएगी जिससे कि इस रास्ते का तस्करी के लिए इस्तेमाल रोका जा सके. कायरा ने बताया कि प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि तस्करी पर रोक लगाने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाए.
लंबे समय तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ये करार इसी लिए कायम नहीं हो सका क्योंकि भारतीय ट्रकों को अफगानिस्तान दिए जाने के सवाल पर दोनों देशों का रुख अलग था. अफगानिस्तान चाहता था कि भारतीय ट्रकों को अफगानिस्तान तक आने की इजाजत मिले लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आखिरकार बिना भारत को शामिल किए ही दोनों देशों ने आपस में करार कर लिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उ भट्टाचार्य