नीदरलैंड्स ने ईरान से संपर्क पर रोक लगाई
३० जनवरी २०११नीदरलैंड्स ने कहा है कि बर्बर सरकार की इस सजा से वह सकते में है. डच सरकार के इस फैसले के बाद नीदरलैंड्स और ईरान में कूटनीतिक और सरकारी कर्मचारियों के स्तर पर होने वाली सभी संपर्कों पर रोक लग गई है. ईरान ने 46 वर्षीय सारा बहरामी को नशीली दवाओं को बेचने और रखने के आरोप में फांसी दे दी. नीदरलैंड्स ने ईरान से कई बार सजा को टाले जाने का आग्रह किया. सारा बहरामी ईरान में पैदा हुई लेकिन बाद में उन्होंने डच नागरिकता ग्रहण कर ली.
ईरान की न्यूज एजेंसी मेहर ने बताया, "सारा बहरामी नामक महिला तस्कर को नशीली दवाएं रखने और बेचने का आरोप साबित होने पर सजा दे दी गई है." न्यूयॉर्क में मानवाधिकार संस्था इंटरनेशनल कैंपेन फॉर ह्यूमन राइट्स ने बहरामी की बेटी के हवाले से कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं. संगठन के मुताबिक बहरामी को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने 2009 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. सारा बहरामी अपने परिवार से मिलने के लिए ईरान गई थीं.
ईरान में अभियोजन पक्ष ने पुष्टि की है कि सुरक्षा अपराध की वजह से सारा बहरामी को गिरफ्तार किया गया. बहरामी के खिलाफ लगे आरोपों पर और जानकारी देते हुए अभियोजन पक्ष ने बताया कि उन्होंने डच संपर्कों का इस्तेमाल ईरान में नशीली दवाओं की तस्करी करने में किया. "दोषी महिला अंतरराष्ट्रीय ड्रग गैंग की सदस्य हैं जो डच संपर्कों के जरिए ईरान में कोकीन ला रही थीं. वह पहले भी ईरान में नशीली दवा ला चुकी थीं."
जांच एजेंसियों के मुताबिक सारा बहरामी के घर तलाशी में 450 ग्राम कोकीन और 420 ग्राम अफीम बरामद हुई. वह ईरान में 150 ग्राम कोकीन बेच चुकी थीं. बहरामी पर पीपल्स मुजाहिदीन ऑफ ईरान गुट का सदस्य होने का भी आरोप लगा जिसे आतंकवादी संगठन माना जाता है. 2009 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए इसी गुट के दो सदस्यों को पिछले हफ्ते फांसी पर लटकाया जा चुका है. ईरान में 2009 में राष्ट्रपति चुनाव में महमूद अहमदीनेजाद की जीत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम