'टेलीकॉम नीति लागू करने में गलती मुमकिन'
२४ फ़रवरी २०११2जी स्पेक्ट्रम विवाद को लेकर प्रधानमंत्री ने सरकार की नीतियों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि टेलीकॉम मंत्रालय ने 2007 में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन का विरोध किया था. लेकिन टेलीकॉम रेगुलेट्री ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया, ट्राई ने इसका समर्थन किया. मनमोहन ने कहा, ''मुझे लगा कि हमें वही रास्ता अपनाना चाहिए जो 2007 तक अपनाया गया. लेकिन फिर ऐसा सामने आया कि बढ़िया नीति को जिस ढंग से लागू किया गया उससे समस्याएं खड़ी हो गईं.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब पब्लिक एकाउंट कमेटी के अलावा संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी भी मामले की जांच करेगी. अगर कोई आपराधिक साजिश सामने आती है तो सीबीआई उसकी जांच करेगी. प्रधानमंत्री सिंह ने कहा, ''हमारी सरकार सभी एजेंसियों के साथ सहयोग करेगी और पुख्ता करेगी कि सच सामने आए और दोषियों को सजा मिले.''
केंद्रीय महालेखा परीक्षक, सीएजी के मुताबिक 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस बांटने की प्रक्रिया में सरकार को 1,760 अरब रुपये का नुकसान हुआ. पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा पर आरोप है कि उन्होंने 2008 में जानबूझकर टेलीकॉम नीतियों से छेड़छाड़ की और कुछ कंपनियों को बेहद सस्ते दामों में लाइसेंस बांट दिए. सीएजी के मुताबिक 122 कंपनियां लाइसेंस पाने लायक ही नहीं थीं लेकिन राजा ने उन्हें रेवड़ी बांट दीं.
अब मामले की सीबीआई जांच चल रही है. राजा और उनके सहयोगी अधिकारी न्यायिक हिरासत में हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एमजी