'पीएम की ऐसी ईमानदारी का क्या फायदा'
२३ फ़रवरी २०११राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अगर वह महंगाई को काबू नहीं कर सकते तो उनके सफल अर्थशास्त्री होने का क्या फायदा है. उन्होंने कहा, "अगर आप ईमानदार व्यक्ति हैं लेकिन आप ऐसी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जो अब तक की भ्रष्टतम सरकार रही है तो ऐसी ईमानदारी किस काम की है?"
अरुण जेटली ने सरकार पर हर क्षेत्र में विफल होने का आरोप लगाया और कहा कि महंगाई का बढ़ना आम आदमी के खिलाफ साजिश है. जेटली के मुताबिक सरकार नेतृत्व, समर्पण और कौशलता में अभाव से जूझ रही है. उनके शब्दों में, "भारत में इतना खराब शासन कभी नहीं रहा. आज ऐसी सरकार देश में है जो पिछले तीन साल में महंगाई काबू में करने में विफल रही, देश को सुशासन या ठोस फैसले नहीं दे सकी."
तीखा ताना
अरुण जेटली का कहना है कि सरकार और आम जनता के बीच अब अविश्वास पनप गया है. और फिलहाल लोगों को जैसा शासन मिल रहा है, देश उससे बेहतर सरकार का हकदार है.
2जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए जेटली ने कहा कि मीडिया के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने खुद को इस घोटाले से दूर करने की कोशिश की. जेटली ने कहा कि यह सामूहिक जिम्मेदारी और नेतृत्व से दूर भागने की कोशिश है.
बीजेपी का कहना है कि सरकार और सत्ताधारी पार्टी में समानांतर सत्ता केंद्र होने का खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है. जेटली ने कहा कि यह प्रधानमंत्री को तय करना है कि वह अपनी सरकार और अपने कार्यकाल को किस तरह से इतिहास के पन्नों में दर्ज कराना चाहेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार