जेपीसी के लिए थोड़ी और झुकी सरकार
२४ फ़रवरी २०११भारत सरकार ने विपक्ष की जेपीसी बनाने की मांग मानी तो विपक्ष सदस्यों की संख्या पर अड़ गया. केंद्र सरकार की योजना 21 सदस्यों की जेपीसी बनाने की थी. लेकिन विपक्ष ने 30 सदस्यों की मांग कर डाली. सूत्रों के मुताबिक सरकार इस मांग के आगे भी झुक गई है और अब जेपीसी में 30 सदस्य होंगे.
30 सदस्यों की मांग के पीछे विपक्षी दलों का मकसद एआईएडीएमके जैसे छोटे दलों को भी प्रतिनिधित्व देना था. बुधवार को एआईएडीएमके के सांसद एम थांबीदुराई ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और एनडीए के कार्यवाहक अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात की. थांबीदुराई ने इन दोनों नेताओं से अपील की कि विपक्ष को जेपीसी में 30 सदस्यों के लिए मांग करनी चाहिए. दोनों नेताओं ने यह बात सरकार तक पहुंचाई और ज्यादा सदस्यों वाली जेपीसी की मांग की. सुषमा स्वराज ने पत्रकारों को बताया, "संसद की स्थाई समितियां जिन्हें छोटी जेपीसी कहा जाता है, उनमें भी 30 सदस्य हैं. और फिर अब तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तीन बार जेपीसी बनाई गई है और तीनों में 30-30 सदस्य थे."
इस बारे में सरकारी सूत्रों ने कहा, "हमने 30 सदस्यों की समिति के गठन का फैसला कर लिया है ताकि छोटे दलों को भी जगह मिल सके. 21 सदस्यीय समिति में इनके लिए जगह न बनती."
इन 30 सदस्यों में से 20 लोकसभा से होंगे जबकि 10 राज्यसभा से लिए जाएंगे. किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इसका फैसला उन पार्टियों के दोनों सदनों में सांसदों की संख्या पर निर्भर करेगा. जिस पार्टी के सदन में 38 सदस्य होते हैं उसे 30 सदस्यों वाली जेपीसी में एक सीट मिलती है.
इस हिसाब से कांग्रेस को लोकसभा से आठ सीटें मिलेंगी और राज्यसभा से तीन. बाकी बचे 19 सदस्यों में से भारतीय जनता पार्टी को कुल छह सीटें मिलेंगी. लोकसभा से इसके चार सदस्य जेपीसी में होंगे और राज्यसभा से दो. वैसे बीजेपी को लोकसभा से पांच सदस्य मिल सकते हैं लेकिन एक सीट वह अपने सहयोगी दल शिव सेना को दे रही है क्योंकि शिव सेना को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़