चीनी हितों का आदर करे अमेरिका
१ जून २०१२एशियाई देशों के दौरे पर रवाना होने से पहले पनेटा ने कहा है कि अमेरिका की सुरक्षा पश्चिमी प्रशांत और हिंद महासागर में सुरक्षा सुनिश्चित करने पर निर्भर है. वे इस दौरे पर भारत भी जाएंगे. पनेटा ने कहा, "अमेरिका एक समुद्री राष्ट्र है और हम अपनी समुद्री जड़ों की ओर वापस जा रहे हैं." अमेरिकी नौसैनिक अकादमी के ग्रेडुएट्स को संबोधित करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, "आपकी पीढ़ी के लिए एक मुख्य परियोजना एशिया प्रशांत के बड़े समुद्री इलाके में अमेरिकी ताकत को बनाए रखना और उसे बढ़ाना होगी."
पनेटा के वियतनाम, सिंगापुर और भारत दौरे के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिउ वाइमीन ने कहा कि चीन को उम्मीद है कि अमेरिका इलाके में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, "हमें यह भी उम्मीद है कि अमेरिका इलाके में चीन के हितों और चिंताओं का आदर करेगा." दक्षिण चीन सागर के निर्जन द्वीपों पर चीन और कई दूसरे एशियाई देश दावा कर रहे हैं. वहां भारी खनिज भंडार होने के अलावा यह इलाका विश्व व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण है.
चीन के उत्थान और दक्षिण चीनी सागर में उसके आक्रामक रवैये के बीच राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले दिनों अमेरिका की नई रक्षानीति की घोषणा की है. वे इराक में सैनिक उपस्थिति समाप्त करने और अफगानिस्तान में सैनिकों की तादाद में कमी के बाद एशिया की ओर रुख करना चाहते हैं.
पनेटा ने नए नौसैनिक अधिकारियों को चीन के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए उत्साहित किया लेकिन साथ ही कहा कि अमेरिका अपनी चौकसी में कमी नहीं लाएगा. उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि चीन के साथ सुरक्षा संबंध मजबूत बनाएं. चीन की सेना बढ़ रही है, उसका आधुनिकीकरण हो रहा है. हमें चौकस रहना होगा. हमें मजबूत रहना होगा. हमें किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा."
लियोन पनेटा ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण है कि चीन और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग का नया काल शुरू हो, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं इलाके में शांति के लिए सुरक्षा बोझ मिलकर उठाएं. उन्होंने जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के साथ लंबे सहयोग को मजबूत बनाने के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, सिंगापुर और भारत के साथ सुदृढ़ सहयोग करने की वकालत की.
अमेरिकी रक्षा मंत्री इस सप्ताह सिंगापुर में शंगरीला संवाद में हिस्सा लेंगे. वार्षिक एशियाई सुरक्षा सम्मेलन शंगरीला डायलोग का आयोजन लंदन स्थित इंटरनैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज करता है.
एमजे/आईबी (एएफपी)