ईरान की एक और परमाणु प्लांट की तैयारी
२७ मई २०१२ईरान की योजनाओं से पश्चिमी देशों को काफी निराशा हो रही है. बीते बुधवार और गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच देश और जर्मनी के साथ हुई बैठक में ईरान पर परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह रोकने पर दबाव बनाने की कोशिश की गई. अमेरिका के अलावा इस बैठक में ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रूस शामिल थे. लेकिन रविवार को सरकारी चैनल पर घोषणा की गई कि 2014 की शुरुआत में ही बुशेर शहर में नए परमाणु बिजली घर को पूरा कर दिया जाएगा.
ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के अध्यक्ष फरेदून अब्बासी दवानी ने चैनल को बताया, "ईरान अगले साल बुशेर में एक हजार मेगावाट की क्षमता वाला परमाणु बिजली घर शुरू करेगा." दवानी ने कहा कि इसके लिए विदेशी ठेकेदारों की जरूरत पड़ेगी. मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार इसे बनने में ज्यादा समय भी लग सकता है, क्योंकि अभी यह केवल योजना के स्तर पर ही है. मेहर के साथ सरकारी समाचार एजेंसी इसना ने एक अन्य प्लांट की योजना के बारे में भी खबर दी है. यह प्लांट बुशेर के करीब दरखोविन नाम के शहर में होगा. इसकी क्षमता 360 मेगावाट होगी.
फिलहाल ईरान के पास एक परमाणु प्लांट है जिसे सत्तर के दशक में जर्मन इंजीनीयारों की मदद से बनाया गया था. 2010 में इसे खोला गया. इस साल नवंबर में यह उत्पादन के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा. इस प्लांट के लिए ईंधन रूस मुहैया करा रहा है. इसके अलावा ईरान के पास राजधानी तेहरान में एक रिसर्च रिएक्टर भी है. इस रिएक्टर का इस्तेमाल कैंसर के इलाज के लिए मेडिकल आइसोटोप बनाने के लिए किया जाता है.
पिछले हफ्ते चली बैठक में पश्चिमी देशों की ईरान को लुभाने की कोशिशें नाकामयाब रहीं. अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों को शक है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की योजना बना रहा है. अमेरिका ने ईरान से इस बात का भी वादा किया कि यदि वह परमाणु कार्यक्रम से हट जाए तो अमेरिका खुद उसे मेडिकल आइसोटोप उपलब्ध कराएगा.
ईरान ने पश्चिमी देशों की शर्तों को नामंजूर किया, लेकिन अगली बैठक के लिए रजामंदी दिखाई. अब मॉस्को में 18 और 19 जून को आगे चर्चा की जाएगी. इसके अलावा ईरान ने एक सैन्य अड्डे की जांच पर सहमति दिखाई ताकि यह सुनश्चित किया जा सके कि परमाणु कार्यक्राम का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है. लेकिन ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के अध्यक्ष फरेदून अब्बासी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था (आईएईए) के पास इस तरह की जांच का कोई हक नहीं है. उनके अनुसार परचिन कॉम्प्लेक्स संयुक्त राष्ट्र के क्षेत्राधिकार में नहीं आता. अब्बासी के अनुसार इस तरह की मुआयने की अनुमति के लिए अब तक कोई निवेदन नहीं भेजा गया है.
आईबी, ओएसजे (एएफपी, डीपीए)