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गैरकानूनी फोन टैपिंग पर सरकार की चेतावनी

३१ दिसम्बर २०१०

भारत सरकार ने कुछ निजी कंपनियों और जासूसी एजेंसियों की मिलिभगत से देश में हो रही फोन टैपिंग पर चेतावनी जारी की है. सरकार ने कहा है कि अनाधिकृत रूप से फोन टैपिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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तस्वीर: AP

भारतीय दूरसंचार विभाग की तरफ से जारी लिखित बयान में कहा गया है कि टेलिग्राफ संदेशों को बीच में रोकना या पढ़ना भारत की संप्रभुता का मसला है. इसे तोड़ने वालों के खिलाफ भारतीय टेलिग्राफ एक्ट के तहत कार्रवाई होगी. बयान में कहा गया है, "ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ लोग, कंपनियां जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र की भी हैं, निजी ऑपरेटर और जासूसी एजेंसियां गैरकानूनी नेटवर्क बना और चला रही हैं, इनमें वायरलेस नेटवर्क के जरिए संचार पर नजर रखी जा रही है और लोगों के फोन टेप किए जा रहे हैं. ऐसा भी पता चला है कि कई बार कानून पालन कराने वाली एजेंसियों को दिखाने के नाम पर उपकरणों का आयात किया जा रहा है जिसका इस्तेमाल ऐसे कामों में हो रहा है."

बयान में ऐसी एजेंसियों को चेतावनी दी गई है, "इस तरह की हरकतें भारत के टेलिग्राफ एक्ट और वायरलेस एक्ट का उल्लंघन हैं और इशमें शामिल लोगों और कंपनियों के सजा की हकदार हैं."

Ehemaliger Telekommunikationsminister Indiens Andimuthu Raja
स्पेक्ट्रम घोटाले में नप गए राजातस्वीर: picture-alliance/dpa

इस एक्ट के जरिए सरकार के पास उपकरणों को जब्त करने और दोषी लोगों को ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार है. बयान में कहा गया है कि कानून के मुताबिक किसी भी उपकरण या तंत्र को संचार पर निगरानी रखने और उसे सुनने या टेप करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. सरकार ने साफ कहा है कि ऐसे उपकरण मंगाने वाली कंपनियों को चेतावनी दी जाती है कि वो उसे 60 दिन के भीतर दूरसंचार विभाग के संबंधित दफ्तर में जमा करा दें. ऐसा न करने वालों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने की तैयारी की जा रही है. सरकार ने ये भी कहा है कि इस तरह के उपकरणों को रखने या बाहर से मंगाने वाले लोगों और संस्थाओं की एक सूची विभाग अपनी तरफ से बना रहा है.

पिछले दिनो कार्पोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया के फोन टेप होने के बाद ये बात सामने आई है कि एक प्रमुख टेलीकॉम कंपनी लोगों की बातचीत को सार्वजनिक करने के पीछे थी. सूत्रों के मुताबिक अब तक कि जांच में ये सामने आया है कि इस टेलिकॉम कंपनी ने ये पूरी बातचीत अपने डाटा बैंक में रिकॉर्ड करके रखी जबकि फोन टैपिंग सरकार के निर्देश पर किए गए थे. नीरा राडिया के फोन आयकर विभाग के अनुरोध पर टेप किए गए और इसके लिए सक्षम अधिकारी से मंजूरी ले ली गई थी.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड इस बात की भी जांच कर रहा है कि नीरा राडिया, राजनेता, पत्रकार और कारोबारियों की बीच की बातचीत के टेप लीक कैसे हो गए. लीकेज की जांच भले ही चलती रहे लेकिन देश के सामने ये सच्चाई आ गई कि राडिया और पत्रकार कैसे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लोकतंत्र की मर्यादा से बलात्कार करते हैं. समाजिक संगठन कह रहे हैं कि जनता वोट देकर सरकार चुनती हैं लेकिन राडिया जैसे लोग लोगों की वोटों का मजाक उड़ाकर सरकार को अपने इशारों पर नचाने की कोशिश करते रहते हैं. इसमें तथाकथित सम्मानित पत्रकार भी उनकी मदद करते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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