1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कॉन्कोर्ड क्रैश: कॉन्टिनेंटल एयरलाइन दोषी

६ दिसम्बर २०१०

कॉन्कोर्ड विमान दुर्घटना के मामले में अदालत ने कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस और एक मैकेनिक को आपराधिक रूप से जिम्मेदार ठहराया है. साल 2000 में हुई दुर्घटना में 113 लोगों की मौत हुई थी और कॉन्कोर्ड विमानों पर रोक लग गई.

https://p.dw.com/p/QQZe
तस्वीर: AP

फ्रांस की अदालत ने कॉन्कोर्ड हादसे में अमेरिका की कॉन्टिनेंटल एयरलाइन को आपराधिक रूप से जिम्मेदार मानते हुए दो लाख यूरो का जुर्माना लगाया है. अदालत के मुताबिक अमेरिकी विमान से धातु का एक टुकड़ा रनवे पर गिर गया था जिसके एयर फ्रांस कंपनी का कॉन्कोर्ड विमान हादसे का शिकार हो गया.

कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस के मैकेनिक जॉन टेलर को 15 महीने की निलंबित सजा सुनाई गई है. जांच अधिकारियों के मुताबिक पेरिस के हवाई अड्डे के रनवे पर कॉन्कोर्ड के उड़ान भरने से पहले कॉन्टिनेंटल विमान से कुछ टुकड़े गिर गए.

Air France Concord Absturz Flash-Galerie
तस्वीर: AP

इसके चलते कॉन्कोर्ड का टायर पंक्चर हो गया और रबर के टुकड़े ईंधन टैंक में पहुंच गए जिससे आग लग गई. दस साल पुराने इस मामले में अदालत ने फ्रांस के नागरिक विमानन अधिकारियों को दोषमुक्त करार दिया है. सुपरसोनिक विमान हादसे में 113 लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद कॉन्कोर्ड विमान के आरामदेह सफर पर रोक लगा दी गई थी.

25 जुलाई 2000 को कॉन्कोर्ड विमान में पेरिस के हवाई अड्डे से उड़ान भरने के दौरान आग लग गई और विमान पास के एक होटल में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में सवार अधिकतर यात्री जर्मन नागरिक थे. विमान न्यू यॉर्क जा रहा था.

Überschall-Passagierflugzeug Concorde Flash-Galerie
तस्वीर: AP

इस हादसे के बाद सुपरसोनिक कॉन्कोर्ड विमान का सफर भी समाप्त हो गया. कॉन्कोर्ड विमान सबसे तेज गति से चलने वाले विमान तो थे ही, एयरोनॉटिक्स तकनीक के क्षेत्र में फ्रांस और ब्रिटेन के बीच सहयोग का भी प्रतीक थे. कॉन्कोर्ड विमान आवाज की गति से भी तेज रफ्तार से चलते थे और सामान्य विमानों के मुकाबले आधे समय में सफर तय कर लेते थे.

इस साल मई में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकीलों ने मांग की थी कि कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस पर 1 लाख 75 हजार यूरो का जुर्माना किया जाना चाहिए और मैकेनिक को 18 महीने की निलंबित सजा सुनाई जानी चाहिए. जांच के दौरान पता चला कि कॉन्कोर्ड विमानों की कमजोरी उसके टायर थे और वह पहले भी कई बार फट चुके थे. टायरों के फटने की वजह से ईंधन टैंक तक पहले भी धूल और कंकड़ पहुंच चुकी थी जिससे हादसा होते होते टला.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी