एयर कंडीशनर वाला पौधा
५ मई २०१२बेल वाले इस पौधे को मलयालम में 'थिपाचा' कहा जाता है. जीवविज्ञानी के मुताबिक लगातार पानी टपकाने से थिपाचा के आस पास हर वक्त नमी और ठंडक रहती है. जीव विज्ञानियों को लग रहा है कि अगर इस पौधे को रिहाइशी इलाकों के लगाया जाए तो लोगों को गर्मी से अच्छी खासी राहत मिल सकती है. घर की छत में थिपाचा लगाने से एयर कंडीशनर पर निर्भरता कम हो सकती है.
तिरुअनंतपुरम के जवाहरलाल नेहरू ट्रॉपिकल बोटैनिक गार्डेन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की निदेशक डॉक्टर पीजी लता कहती हैं, "लगातार पानी छोड़ने की इस प्रक्रिया को गुटेशन कहते हैं. बूंद की शक्ल में गिरने वाला पानी दरअसल पौध पत्ती की सतह की एक नलिका से निकलता है."
वातावरण में जितनी ज्यादा उमस होगी, थिपाचा उतना ही ज्यादा पानी छोड़ता है. डॉक्टर लता कहती हैं, "हम पौधे से गिरने वाली बूंदों की जांच कर रहे हैं. अब तक यह पता चला है कि इसमें काफी शूगर होती है." पौधे का वैज्ञानिक नाम डिप्लोक्लिसिया ग्लाउकेसेंस है.
थिपाचा का पौधा जवाहरलाल नेहरू ट्रॉपिकल बोटैनिक गार्डेन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के बगीचे में बीते 15 साल से लगा है. लेकिन पानी छोड़ने की इसकी खूबी का पता अब जाकर चला है. रिसर्चरों के मुताबिक थिपाचा आग से झुलसे शरीर को भी राहत पहुंचाता है. यह जले के निशान भी मिटाता है. भारत के अलावा थिपाचा मलेशिया और चीन में पाया जाता है.
ओएसजे/एजेए (पीटीआई)