इंडोनेशिया में माउंट मेरापी पर ज्वालामुखी फटा
३ मार्च २०२०इंडोनेशिया में कई ज्वालामुखी हैं लेकिन माउंट मेरापी ज्वालामुखी सबसे सक्रिय है. वह मंगलवार को फट पड़ा और फिलहाल राख के गुबार 6000 मीटर तक की ऊंचाई तक जा रहे हैं. उन्होंने आसपास के गांवों को सलेटी धूल से भर दिया है और लोगों को आतंकित कर दिया है. पास के हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है. इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी योगियाकर्ता के निकट स्थित ज्वालामुखी से निकली रेत से मिली राख 10 किलोमीटर दूर तक आसमान से बरसती रही.
बोयोलाली रिजेंसी के एक निवासी जरमाजी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "कम से कम पांच मिनट तक कड़ाके का शोर होता रहा और मेरे घर से गुबार दिखाई देता रहा." अधिकारियों ने ज्वालामुखी पर चेतावनी के स्तर में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कुछ समय के लिए सोलो शहर के एयरपोर्ट को बंद कर दिया. यह एयरपोर्ट ज्वालामुखी के केंद्र से करीब 40 किलोमीटर दूर है.
इंडोनेशिया की वोल्कैनो एजेंसी ने लोगों से माउंट मेरापी के तीन किलोमीटर के दायरे से बाहर रहने को कहा है. इस इलाके को नोगो जोन घोषित कर दिया गया है और लोगों को ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा और पायरोक्लैस्टिक तत्वों के खिलाफ चेतावनी दी है. पायरोक्लैस्टिक फ्लो तेजी से बहती गर्म गैसों और ज्वालामुखी से निकलने वाले टुकड़ों का मिश्रण है.
माउंट मेरापी ज्वालामुखी पिछली बार 2010 में फटा था और उसकी वजह से 300 लोग मारे गए थे. उस समय 28,000 लोगों को इलाके से हटाना पड़ा था. ये 1930 के बाद इस ज्वालामुखी का सबसे तगड़ा धमाका था. 1994 में भी माउंट मेरापी पर धमाका हुआ था जिसमें 60 लोगों की जान गई थी. इंडोनेशिया 17,000 द्वीपों का देश है और वहां करीब 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं. यह प्रशांत में रिंग ऑफ फायर पर स्थित है जो भौगोलिक अस्थिरता वाला बड़ा इलाका है. यहां टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव से नियमित भूकंप होते रहते हैं और ज्वालामुखी सक्रिय रहता है.
एमजे/सीके (एएफपी)
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