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ज्वालामुखी ने मानव मस्तिष्क को कांच बना डाला

२७ जनवरी २०२०

करीब दो हजार साल पहले ज्वालामुखी के एक धमाके ने इंसान के मस्तिष्क कांच में बदल दिया था. लगभग 50 साल की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है.

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Italien, Pompeii: Skulptur die an den Ausbruch des Vesuv erinnert
तस्वीर: picture-alliance/C. Dixon

सन 1944 से शांत पड़ा माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी आज दक्षिणी इटली की सीमा में आता है. लेकिन करीब दो हजार साल पहले एडी 79 में इसमें इतना भीषण धमाका हुआ कि रोमन साम्राज्य के कई शहर पूरी तरह उजड़ गए. पास के इलाके से मिले एक इंसानी अवशेष की जांच करने पर पता चला है कि ज्वालामुखी के धमाके ने मानव मस्तिष्क को कांच में बदल दिया था. इटली के मानव विज्ञान शास्त्रियों की इस खोज को "सनसनीखेज" बताया जा रहा है. शोध हाल ही में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपा है. यह पहला मौका है जब वैज्ञानिक एक अकल्पनीय माने जाने वाले नतीजे तक पहुंचे हैं.

ज्वालामुखी से करीब 20 किलोमीटर दूर हरक्यूलेनियम साइट के पुरातत्व विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, "अत्यधिक गर्मी पीड़ित के फैट और शरीर के ऊतकों को जलाने के लिए काफी थी, इसके चलते मस्तिष्क विट्रीफाई हुआ. यह पहला मौका है जब कांच में तब्दील इंसानी मस्तिष्क के ऐसे अवशेष मिले हैं जिनके लिए विस्फोट जिम्मेदार हो."

पुरातत्व विज्ञानियों को आम तौर पर इंसानी मस्तिष्क के ऊतक नहीं ही मिलते हैं. अगर वे ऊतक मिल भी जाएं तो वे मुलायम और छागदार से बने रहते हैं. लेकिन 1960 के दशक में हरक्यूलेनियम में खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को पत्थर जैसे ठोस आवरण वाला इंसानी अवशेष मिला. वह शख्स 79 एडी में ज्वालामुखी के फटने से मारा गया था. आज से 1941 साल पहले फटे माउंट वेसुवियस ने पोमपेईएंड और उसके पड़ोसी इलाके हरक्यूलेनियम के सारे बाशिंदों को मार डाला. लोग 16 मीटर मोटे राख के ढेर में दब गए. ज्वालामुखी से 20 किलोमीटर दूर हरक्यूलेनियम में मिला यह इंसान अवशेष राख के ढेर के चलते सुरक्षित रहा. उसके ऊपर लकड़ी की खाट भी थी.

Italien Pompeji Ausgrabungen Pferd
ज्वालामुखी की राख में सब कुछ दब गया थातस्वीर: picture alliance/AP/ANSA/C. Abbate

माना जाता है कि यह अवशेष करीब दो हजार साल पहले वहां स्थित आगुस्टालेस कॉलेज के संरक्षक का है. इस कॉलेज को रोमन सम्राट आगुस्टस की पूजा का केंद्र माना जाता है. केंद्र में राख में दबे बिस्तर और उसके नीचे से मिले इंसानी अवशेष की जब जांच की गई तो वैज्ञानिकों को सिर के ढांचे के भीतर कांच मिला. वैज्ञानिकों के मुताबिक वह शख्स लावे और जहरीली गैसों के बीच फंस गया होगा.

वैज्ञानिकों की टीम ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि पीड़ित का मस्तिष्क विट्रीफाई हो चुका था. विट्रीफिकेशन उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें कोई चीज अतिउच्च तापमान के चलते कांच में बदल जाती है. पीड़ित के मस्तिष्क के ऊतकों के साथ भी ऐसा ही हुआ, वे इतने ज्यादा तापमान के संपर्क में आए कि जलकर कांच में बदल गए.

रिसर्चरों को यकीन है कि तापमान करीब 520 डिग्री सेल्सियस तक गया होगा, इसके बाद अचानक बहुत तेजी से तापमान गिरा होगा, जिसके चलते कांच बरकरार रहा. माउंट वेसुवियस को आज भी दुनिया के सबसे खतरनाक ज्वालामुखियों में गिना जाता है. आखिरी बार वह 1944 में फटा था.

ओएसजे/आरपी (एपी, एएफपी)

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