आपदा से जूझते इंडोनेशिया को चाहिए मदद
१ अक्टूबर २०१८शुक्रवार को 7.5 की तीव्रता वाले भूकंप और फिर उसके बाद आई सूनामी में इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक 844 लोगों की जान गई है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह तादाद और बढ़ेगी. उप राष्ट्रपति जुसुफ काला ने कहा है कि मरने वालों की तादाद "हजारों" में हो सकती है. राहत के काम में जुटी एक प्रमुख एजेंसी के अधिकारी अकसी सेपात तांगाप का कहना है कि कम से कम 1,203 शव निकाले जा चुके हैं.
हालांकि आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुदोपो नुग्रोहो ने सावधान किया है कि आंकड़े आधिकारिक नहीं है बल्कि एक अनुमान है. नुग्रोहो ने यह भी बताया कि कम से कम 90 लोग लापता हैं और 48,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
नेशनल इन्वेस्टमेंट कॉर्डिनेटिंग बोर्ड के प्रमुख थॉमस लेमबोंग ने बताया है कि राष्ट्पति जोको विडोडो ने "आपदा राहत और बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद" स्वीकार करने की आधिकारिक मंजूरी दे दी है. यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह आपातकालीन मानवीय सहायता के लिए 15 करोड़ यूरो का शुरूआती फंड जारी कर रहा है. उधर अमेरिका ने कहा है कि वह "राहत के काम में मदद देने" के लिए तैयार है.
राष्ट्रीय आपदा राहत और बचाव एजेंसी के ऑपरेशंस चीफ नुग्रोहो बुडी विरयांतो ने बताया कि पीड़ितों तक पहुंचने में भारी उपकरणों और ईंधन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि खोजी अभियान में जुटे कार्यकर्ता डोंगाला जिले तक गए हैं. रविवार दोपहर को वहां कार्यकर्ता बोट से पहुंचे और अब तक 8 शव मिले हैं. सुतोपो ने बताया कि पालू में मदद पहुंचनी शुरू हो गई है और उन्हें जरूरतमंदों में बांटा जा रहा है.
भारी मशीनें भी दूसरे इलाकों से सुलावेसी भेजी जा रही हैं. डोंगाला और सिगी जिलों में बचाव और राहत काम शुरू कर दिया है. भूस्खलन, सड़कों के टूटने और दूसरे संपर्क खत्म होने के कारण ये इलाके अलग थलग पड़ गए हैं.
सुतोपो ने बताया कि बचाव दल को पालू के एक सातमंजिला होटल की इमारत से 13 शव और दो लोग जीवित मिले हैं. स्थानीय मीडिया ने खबर दी है कि होटल के मलबे में कई पैराग्लाइडिंग एथलीट भी फंसे हैं इनमें दो दक्षिण कोरियाई नागरिक भी हैं.
सेना प्रमुख एयर चीफ मार्श हादी जाहजांतो ने कहा है कि मृतकों को 1000 वर्ग मीटर की सामूहिक कब्रगाह में दफनाया जाएगा. उन्होंने कहा, "हम जितनी जल्दी हो सके उन्हें दफना देंगे. उम्मीद है कि एक या दो दिन में यह हो जाएगा."
सुलावेसी प्रांत की राजधानी पालू के कुछ निवासियों ने मदद में कमी की शिकायत की है. पालू पर भूकंप और सूनामी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है. बालारोआ गांव के एक बुजुर्ग निवासी महमूद ने मेट्रो टीवी को बताया, "मेरा घर वास्तविक स्थिति से कई मीटर दूर खिसक गया. मैं अपनी बीवी को भी नहीं बचा सका. मैंने ही उसका शव उठाया. कोई मदद के लिए नहीं आया. किसी ने कोई मदद नहीं दी एक गिलास पानी भी नहीं मिला."
एक और स्थानीय निवासी आमिर सिद्दीक ने बताया कि कैसे धरती तेजी से हिली और उनका घर ढह गया, "घर और सड़कें अपनी वास्तविक स्थिति से कम से कम 20 मीटर तक खिसक गईं. कुछ घर खिसके लेकिन गिरे नहीं बाकी तो जैसे निगल लिए गए."
इंडोनेशिया में सुलावेसी से पहले इसी साल अगस्त में लोमबोक द्वीप भी भूकंप और सूनामी की चपेट में आया था. तब 550 लोगों की मौत हुई और 40 हजार से ज्यादा विस्थापित हुए. इंडोनेशिया पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के इलाके में है जो भूकंपीय हलचलों और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए जाना जाता है. 2004 में 26 दिसंबर को जब भूकंप के बाद सूनामी आई थी तो आस पास के दर्जनों देश में कुल मिला कर 2,30,000 लोगों की मौत हुई. तब 9.1 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के पश्चिमी तट पर मौजूद सुमात्रा द्वीप था.
एनआर/ओएसजे (डीपीए)