भूकंप: सात सबसे खतरनाक जगहें
नेपाल में भूकंप के बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में इस तरह के और भी झटके महसूस किए जा सकते हैं. नेपाल दुनिया की उन जगहों में से एक है जहां भूकंप और उसके कारण तबाही का खतरा सबसे ज्यादा है.
धरती के नीचे हरकत
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टॉनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. नेपाल में यूरेशियन प्लेट और इंडियन प्लेट एक दूसरे पर दबाव डालती हैं. शनिवार को इसी के जमीन खिसकी और भूकंप आया. एक नजर दुनिया की सात सबसे खतरनाक जगहों पर.
नेपाल, भक्तपुर
इसे काठमांडू घाटी का सबसे अहम शहर माना जाता रहा है. क्षेत्रफल के हिसाब से भी यह घाटी का सबसे बड़ा शहर रहा है और मुख्य सांस्कृतिक केंद्र भी. किसी जमाने में यही नेपाल की राजधानी हुआ करती थी. भूकंप से पहले की तस्वीर.
नेपाल, भक्तपुर
हाल ही में आए भूकंप से यहां सबसे ज्यादा तबाही मची है. 10,000 लोगों के मारे जाने की आशंका है. अगला भूकंप कब आएगा, कहना मुश्किल है. भूकंप के बाद की तस्वीर.
जापान, फुकुशिमा
नेपाल से कुछ 5,000 किलोमीटर दूर स्थित जापान 2011 में इसी तरह के अनुभव से गुजर चुका है. देश की अब तक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा में 18,000 से ज्यादा लोगों की जान गयी. फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को भी बंद करना पड़ा. हाल के समय की तस्वीर.
जापान, फुकुशिमा
भूकंप से बचाव की नीति में जापान दुनिया में सबसे आगे है. वहां भूकंप को ध्यान में रख कर घर बनाए जाते हैं. लेकिन भूकंप से उठी सूनामी लहरों ने भारी तबाही मचाई. भूकंप के बाद की तस्वीर.
हिन्द महासागर, अंडमान
भारतीय द्वीप अंडमान ठीक उस जगह पर स्थित है जहां इंडोऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेटें आपस में टकराती हैं. ऐसे में भूकंप और उससे उठने वाले सूनामी का खतरा बना रहता है. हाल के समय की तस्वीर.
हिन्द महासागर, अंडमान
भारत समेत बांग्लादेश, म्यांमार, थाइलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया के तटवर्ती इलाकों में यह खतरा मंडराता रहता है. 26 दिसंबर 2004 को सुमात्रा के भूकंप से उठे सूनामी ने 2,30,000 लोगों की जान ली. भूकंप के बाद की तस्वीर.
चीन, युन्नान
दक्षिण पश्चिमी चीन में स्थित युन्नान प्रांत अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जितना जाना जाता है उतना ही भूकंप के लिए भी. यह प्रांत इंडोऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेटों की उत्तरी सीमा पर स्थित है. भूकंप से पहले की तस्वीर.
चीन, युन्नान
2014 में यहां आए भूकंप से एक लाख लोग बेघर हो गए. इससे पहले 2008 में सिचुआन प्रांत में भूकंप के कारण 70,000 लोगों की जान गयी. भूकंप के बाद की तस्वीर.
इटली, लाक्वीला
2009 में इटली में आए भूकंप में 300 लोगों की जान गयी और 10,000 से ज्यादा बेघर हुए. भूकंप के बाद सरकार ने सात भूवैज्ञानिकों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए क्योंकि उन्होंने वक्त रहते भूकंप की चेतावनी जारी नहीं की. भूकंप के बाद की तस्वीर.
इटली, लाक्वीला
गिरफ्तारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इटली की कड़ी आलोचना हुई. वैज्ञानिक जगत इस बात पर सहमत है कि भूकंप का सही पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता. भूकंप से पहले की तस्वीर.
अमेरिका, सैन फ्रैंसिस्को
1906 में कैलिफोर्निया राज्य के इस शहर में जो भूकंप आया उसे अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा भूकंप माना जाता है. 3,000 लोग मारे गए और पूरा शहर तबाह हो गया. भूकंप के बाद की तस्वीर.
अमेरिका, सैन फ्रैंसिस्को
इस जगह नॉर्थ अमेरिकन प्लेट पैसिफिक प्लेट के नीचे खिसक रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस हलचल के कारण आने वाले समय में बहुत भयानक भूकंप का सामना करना पड़ सकता है. हाल के समय की तस्वीर.
चिली, वाल्दीविया
9.5 की तीव्रता के साथ 1960 में अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप चिली के तट पर अनुभव किया गया. इसमें 1,700 लोग मारे गए और लाखों बेघर हुए. भूकंप के बाद की तस्वीर.
चिली, वाल्दीविया
वैज्ञानिकों का कहना है कि चिली की धरती काफी समय से स्थिर है. एक तरफ तो यह स्थानीय लोगों के लिए अच्छी खबर है पर दूसरी ओर वैज्ञानिक इसे इस बात का संकेत भी मानते हैं कि जब भी कभी यहां प्लेटें हिलेंगी तब बेहद तबाही मचेगी. हाल के समय की तस्वीर.