आंध्र में हेलेन की दस्तक
२२ नवम्बर २०१३बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान 'हेलेन' शुक्रवार को दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में दस्तक दी. तबाही मचाने वाले पाइलिन तूफान के करीब एक महीने बाद हेलेन के खतरे से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है. अधिकारियों ने बताया कि तूफान के मद्देनजर निचले इलाके खाली करा दिए गए हैं. चक्रवाती तूफान हेलेन के दौरान 120 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. तूफान के दौरान समदंर की लहरें डढ़े मीटर ऊंची उठ सकती है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी दी है कि ''घास पूस की छतों और झोपड़ियों को खासा नुकसान पहुंच सकता है. पेड़ गिरने से बिजली और संचार लाइनों को क्षति पहुंच सकती है. बाहर निकलने के रास्तों में बाढ़ आ सकती है.'' अक्टूबर में पूर्वी तटीय इलाकों में तबाही मचाने वाले 'बहुत गंभीर' पाइलिन तूफान के मुकाबले हेलेन को 'गंभीर'' श्रेणी में रखा गया है. पाइलिन की वजह से 18 लोगों की मौत हो गई थी और संपत्ति का काफी नुकसान हुआ था.
बाढ़ क्षेत्र में मदद कार्य के लिए करीब 20 बचाव दलों को तैनात किया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की प्रवक्ता तृप्ति पारुले के मुताबिक, "हम नहीं के बराबर मौत की तरफ लक्ष्य कर रहे हैं. यही हमारी प्राथमिकता है. हजारों लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने का काम शुरू हो गया है. लोगों को खाना और पानी मुहैया कराया जा रहा है.'' भारत में साल के इस समय ताकतवर तूफान को 'महाचक्रवात' का दर्जा दिया जाता है. उसके बाद 'बहुत गंभीर' और फिर 'गंभीर' चक्रवात का दर्जा आता है. पाइलिन तूफान के दौरान हवाएं 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थीं. तूफान के दौरान बड़े बड़े पेड़ जड़ से उखड़ गए. तेज हवाओं में ट्रक पलट गए और बिजली सप्लाई ठप हो गई. 1999 में ओडिशा में आए एक तूफान में 8,000 लोगों की मौत हुई. तूफान से उबरने में सालों लग गए.
25,000 लोगों को बचाया
हेलेन के नुकसान को कम से कम करने के लिए तटीय इलाकों से करीब 25,000 लोगों को पहले ही सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से तूफान के गुजरते वक्त भारी बारिश की संभावना है. आपदा प्रबंधन के अधिकारी वीके एकबोटे के मुताबिक, "12 हजार गांवों के लोगों को राहत कैंपों में रखा गया है. बचे हुए लोगों को या तो सुरक्षित ठिकानों पर लाया जा रहा है या फिर वो सुरक्षित ठिकानों पर पहुंच गए हैं.'' महीने भर के भीतर यह दूसरा तूफान है जो तटीय इलाकों से टकराने वाला है.
एए/ ओएसजे (एएफपी, डीपीए)