आंध्र प्रदेश में फैल रही है एक रहस्मयी बीमारी
७ दिसम्बर २०२०सभी मामले एलुरु में ही पाए गए हैं. अधिकतर पीड़ितों को आंखों में जलन महसूस होने के बाद उल्टियां आने लगी और फिर या तो उन्हें दौरे पड़ने लगे या वो बेहोश हो गए. मीडिया में आई खबरों के अनुसार डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि पीड़ितों के नर्वस तंत्र पर असर पड़ा है, लेकिन असर का कारण क्या है यह पता नहीं चल पा रहा है.
कोविड-19 संक्रमण के मामलों में आंध्र प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से है, लेकिन इस बीमारी के लक्षण कोविड के लक्षणों जैसे नहीं हैं. राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि इस बीमारी के सभी पीड़ितों का कोविड टेस्ट हो चुका है और किसी को भी संक्रमित नहीं पाया गया है.
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि बीमारी को समझने के लिए विशेष मेडिकल टीमें एलुरु भेजी जा रही हैं. दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने भी एलुरु में सरकारी डॉक्टरों से बात की है और बीमारी का कारण समझने का प्रयास कर रहे हैं.
कुछ लोगों का कहना है कि यह संभवतः पीने के पानी के प्रदूषित होने की वजह से हुआ हो. विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी यही आरोप लगाया है और राज्य में स्वास्थ्य आपात-काल की घोषणा करने की मांग की है.
लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने किसी भी तरह के वायरल संक्रमण या प्रदूषण की संभावना से इनकार किया है. उनका कहना है कि मरीजों के दिमाग और रीढ़ के हड्डी के सैंपल विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं और उनकी जांच के नतीजे आने के बाद ही वो कुछ कह पाएंगे.
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