पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में क्यों हो रहा है बवाल
१५ फ़रवरी २०२४पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना का एक गांव संदेशखाली पिछले कई दिनों से सुर्खियों में है. यहां की कुछ महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों पर कथित यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं.
जिसके बाद वहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और राजनीतिक हलचल तेज हो गई. यह विरोध प्रदर्शन 8 फरवरी से हो रहे हैं. संदेशखाली गांव की सैकड़ों महिलाओं का दावा है कि क्षेत्र में टीएमसी के शीर्ष नेताओं ने स्थानीय महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न किया है.
महिलाओं के आरोप क्या हैं
संदेशखाली गांव की कई महिलाओं ने टीएमसी के नेताओं पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. महिलाओं ने दावा किया है कि शेख शाहजहां और उसके "गिरोह" ने क्षेत्र में उनका यौन उत्पीड़न करने के अलावा, जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया.
एक वायरल वीडियो में एक महिला ने आरोप लगाया, "पार्टी (टीएमसी) के लोग आते थे और एक-एक घर का सर्वे करते थे, जिसमें किसी की सुंदर पत्नी होती है, जिसकी लड़की जवान होती है. फिर वे महिलाओं को पार्टी कार्यालय में ले जाते हैं. कई रातों तक उन्हें वहां रखा जाता था...जब तक वे संतुष्ट नहीं हो जाते."
इसके अलावा कई लोगों ने आरोप लगाया कि गांव में पुरुषों को पार्टी (टीएमसी) की बैठकों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था और अगर कोई इससे इनकार करता था, तो उनकी पत्नियों को धमकी दी जाती थी.
कौन हैं शेख शाहजहां
शेख शाहजहां संदेशखाली गांव में टीएमसी के नेता और स्थानीय जिला परिषद के सदस्य हैं. जनवरी में जब ईडी की टीम उनके घर पर छापेमारी के लिए पहुंची थी तब उनके समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था. हमला कराने का आरोप शाहजहां पर लगा था. शाहजहां पर कथित राशन घोटाले का आरोप है और ईडी की टीम इसी सिलसिले में उनके घर पर पहुंची थी.
महिलाओं ने शोषण के लिए शेख शाहजहां समेत उनके सहयोगियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार का नाम लिया है. सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया है, हाजरा फरार है. 5 जनवरी को ई़डी की छापेमारी के दौरान समर्थकों द्वारा अधिकारियों पर हमला किए जाने के बाद से शाहजहां भी लापता हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार ने क्या किया
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 12 फरवरी को संदेशखाली में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और उत्पीड़न का दावा करने वाली महिलाओं से मुलाकात की.
बुधवार को एक बयान में बोस ने कहा, "आपराधिक तत्वों की कथित सांठगांठ की जांच करने और किए गए अपराधों की गहराई और सीमा निर्धारित करने और सभी दोषियों को कानून के सामने लाने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया जाना चाहिए."
बुधवार को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में कहा गया है कि संदेशखाली में महिलाओं का यौन उत्पीड़न हुआ है.
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटना को हृदय विदारक बताते हुए कहा है कि राज्य में महिला उत्पीड़न और गुंडागर्दी की घटनाएं लगातार हो रही हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है. बीजेपी ने इन महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.
बीजेपी के आरोपों पर टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि विपक्षी दल झूठे आरोप लगा रहा है और महिलाओं के यौन शोषण के कथित आरोपों को लेकर सरकार के खिलाफ अभियान चला रहा है. उन्होंने कहा कि अगर जांच में आरोप सही साबित होते हैं तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मंगलवार को आईपीएस सोमा दास मित्रा के नेतृत्व में दस सदस्यीय महिला पुलिस की विशेष टीम ने इस गांव का दौरा किया. हालांकि पूरे गांव में किसी भी महिला ने टीम के सामने यौन उत्पीड़न की शिकायत नहीं की.
गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी अन्याय नहीं होने दिया. ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा, "हम संदेशखाली के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. गलत काम में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे." बनर्जी ने कहा कि संदेशखाली में राज्य महिला आयोग को भेजा गया और पुलिस की टीम बनाकर 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया.