पाकिस्तान से एफ-16 डील पर भारत के सवाल पर अमेरिका की सफाई
२७ सितम्बर २०२२सितंबर के शुरूआत में बाइडेन प्रशासन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी थी. अमेरिका ने पाकिस्तान को पैकेज देते हुए तर्क दिया था कि यह आतंकवाद से लड़ने में देश की मदद करेगा. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों को लेकर दोनों में से किसी को कोई लाभ नहीं हुआ है.
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रविवार को वॉशिंगटन में भारतीय-अमेरिकी सुमदाय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पूछे गए एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा था, "हर कोई जानता है कि एफ-16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल कहां और किसके लिए किया जाता है." जयशंकर ने कहा, "आप इस तरह की बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते."
अमेरिका को देनी पड़ी सफाई
पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए पैकेज पर भारतीय विदेश मंत्री के सवाल उठाने के बाद अमेरिका को भी सामने आकर सफाई देनी पड़ी है. बाइडेन प्रशासन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के संबंध भारत और पाकिस्तान के साथ अलग-अलग तरह के हैं और दोनों अमेरिका के साझीदार हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से, "हम भारत और पाकिस्तान के साथ संबंधों को एक नजरिए से नहीं देखते हैं. ये दोनों हमारे साझीदार हैं. अलग-अलग बिंदुओं पर दोनों ही हमारे पार्टनर हैं."
प्राइस ने आगे कहा, "हम दोनों देशों को सहयोगियों के तौर पर देखते हैं और कई मामलों में साझा सिद्धांत हैं. भारत के साथ हमारे संबंध अपने आप में अलग है और पाकिस्तान के साथ हमारा रिश्ता अलग है."
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एक और सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा, "हम यह देखने के लिए हर संभव कोशिश करना चाहते हैं कि इन पड़ोसियों (भारत-पाकिस्तान) के एक-दूसरे के साथ संबंध यथासंभव रचनात्मक हों. इसलिए यह एक और जोर देने वाला मुद्दा है."
जयशंकर से पहले भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पाकिस्तान को एफ-16 के लिए मदद के लिए चिंता जता चुके हैं. दो हफ्ते पहले उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से इस मामले पर बातचीत की थी. राजनाथ ने ऑस्टिन से फोन पर बात करते हुए भारत की ओर से चिंता जाहिर की थी.
राजनाथ ने बातचीत के बाद ट्विटर पर लिखा था, "पाकिस्तान को एफ-16 विमानों के बेड़े के लिए पैकेज देने के लिए अमेरिका के हालिया फैसले पर भारत की ओर से चिंता प्रकट की."
राजनाथ ने साथ ही ऑस्टिन के साथ बातचीत को लेकर कहा था, "हमने रणनीतिक हितों और विस्तृत रक्षा व सुरक्षा सहयोग के बढ़ते तालमेल पर चर्चा की."
भारत और पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश और पड़ोसी हैं जिनके बीच तनाव हमेशा बना रहता है. कश्मीर को लेकर दशकों पुराना विवाद दोनों के बीच जारी है और मोदी सरकार के आने के बाद से ही द्विपक्षीय संबंधों में कोई प्रगति नहीं हुई है. भारत पाकिस्तान पर कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करने और घाटी में घुसपैठ कराने का आरोप लगाता रहा है.