अमेरिकी पत्रकार के अपहरण के मामले में गिरफ्तारी
२९ अक्टूबर २०२०साल 2008 में बंदूक के बल पर न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार का और अफगान के दो नागरिकों का अपहरण कर लिया गया था. इस अपहरण कांड के आरोपी को अब अमेरिका सुनवाई के लिए लाया गया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हाजी नजीबुल्लाह ने 2008 के अपहरण को अंजाम दिया और सात महीने तक सभी को बंधक बनाए रखा.
मामले के अभियोजक ऑड्रे स्ट्रॉस ने कहा कि 44 वर्षीय हाजी नजीबुल्लाह अपहरण के आरोपों में मैनहैटन में संघीय अदालत में पेश किया जाएगा. जहां उसपर छह आरोपों पर मामला चलाया जाएगा. हालांकि अपहरण किए गए लोगों की पहचान जाहिर नहीं की गई है, लेकिन विवरण डेविड रोड जो कि न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करने वाले एक अमेरिकी पत्रकार और एक अफगान पत्रकार ताहिर लुडिन से जुड़ रहे हैं. यह दोनों तालिबान के एक नेता का साक्षात्कार करने के लिए जा रहे थे तभी दोनों पत्रकारों का अपहरण कर लिया गया था.
नाटकीय बच निकलना
दोनों पत्रकारों का 10 नवंबर 2008 को अपहरण कर लिया गया था और पाकिस्तान के कबाइली क्षेत्र में एक इमारत के अंदर सात महीने तक बंधक बनाए रखा गया था, दोनों ही नाटकीय ढंग से भागने में सफल रहे. उनके भागने के बाद उनके ड्राइवर असदुल्लाह भी कुछ दिनों बाद कैद से भागने में कामयाब रहे.
अदालत में लगाए गए आरोपों के मुताबिक, नजीबुल्लाह मशीनगनों से लैस कई बंधकों में से एक था, जो अपहरण के पांच दिन बाद सीमा पार उन्हें पाकिस्तान ले गया था. मामले में आरोपों के मुताबिक अपहरण के दौरान, नजीबुल्लाह और उसके साथियों ने अमेरिका से तालिबान के आतंकियों को रिहा करने और फिरौती की रकम की मांग के लिए कई कई कॉल्स और वीडियो बनाने का दबाव बनाया. उन्होंने रोड के परिवार से रिहाई के बदले पैसे की मांग रखी थी.
एक सरकारी वकील ने कहा कि नजीबुल्लाह पर मुकदमा चलाने के लिए पिछले मंगलवार को उसे यूक्रेन से अमेरिका लाया गया था. उस पर अपहरण, अपहरण की साजिश और बंधक बनाने के आरोपों पर मुकदमा चलाया जाएगा. हालांकि अधिकारियों ने यह जानकारी नहीं दी है कि नजीबुल्लाह को कैसे गिरफ्तार किया गया.
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग में सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स ने कहा, "पत्रकार संघर्ष क्षेत्रों से हमें रिपोर्ट भेजने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं और चाहे कितना भी समय बीत जाए, हम उन लोगों को खोजेंगे और उनकी जवाबदेही तय करेंगे जो पत्रकारों और अन्य अमेरेकी नागरिकों को निशाना बनाते हैं."
एए/सीके (एएफपी, एपी)
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