म्यांमार में सेना का दमनचक्र, अंतिम संस्कार में फायरिंग
२९ मार्च २०२१म्यांमार में रविवार को बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया. एक दिन पहले 114 लोकतंत्र समर्थकों के मारे जाने के बाद रविवार को अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों पर सेना की तरफ से फायरिंग की गई. यंगून के पास बागो में 20 साल के छात्र थाई माउंग माउंग के अंतिम संस्कार के लिए जमा हुए लोगों पर फायरिंग की गई, जिसके बाद वहां से लोगों को जान बचाकर भागना पड़ा. दुनिया भर के एक दर्जन से अधिक देशों ने 1 फरवरी के बाद सबसे घातक सैन्य अभियान में 114 लोगों की हत्या की निंदा की है. मृतकों में 10 और 16 साल की उम्र के बीच कम से कम छह बच्चे शामिल हैं. चश्मदीदों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि लोग सैन्य अभियान के दौरान मारे गए 20 वर्षीय छात्र को अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए थे, उसी दौरान सेना ने फायरिंग कर दी. वहां से लोग किसी तरह से भागने में सफल रहे.
म्यांमार में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान हत्याओं की निगरानी करने वाला समूह, एसिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स ने कहा कि सुरक्षा बलों ने रविवार को देश के विभिन्न हिस्सों में गोलीबारी की, जिसमें 12 लोग मारे गए, विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या 459 हो गई है.
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया का कहना है कि सैन्य तख्तापलट के बाद से सेना ने जातीय मिलिशिया पर हवाई हमले शुरू किए हैं, जिसके बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोग अपनी जान बचाने के लिए थाईलैंड भाग गए हैं. सेना ने केरन पर हवाई हमले किए, सशस्त्र जातीय समूहों के कब्जे वाले क्षेत्र में हवाई हमले के बाद करीब तीन हजार ग्रामीण भागकर थाईलैंड पहुंचे.
म्यांमार सेना की निंदा
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने इसे "सामूहिक हत्या" बताया है और उन्होंने सैन्य शक्तियों को हटाने और सेना की हथियारों तक पहुंच को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए विश्व शक्तियों से आग्रह किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने म्यांमार में सैन्य अभियान की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा, "यह भयावह है, यह पूरी तरह क्रूरता है. कई लोग बिना किसी कारण के मारे गए हैं."
इससे पहले बारह देशों के सैन्य प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान जारी कर म्यांमार सेना की ओर से जारी हिंसा और सैकड़ों नागरिकों की हत्या की निंदा की थी. बयान में कहा गया था, "एक पेशेवर सेना आचरण के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है और लोगों को नुकसान पहुंचाने के बजाय उनकी रक्षा करती है. हम सेना से अपील करते हैं कि वह हिंसा बंद करे और म्यांमार के लोगों में अपना सम्मान और विश्वसनीयता फिर से कायम करने के लिए काम करे." यह बयान ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के रक्षा प्रमुखों ने जारी किया. वहीं जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा है कि जर्मनी किसी भी कीमत पर सेना की ओर से हो रही हत्याओं को सहन नहीं करेगा.
एए/आईबी (रॉयटर्स, एएफपी, डीपीए)