1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

म्यांमार: तख्तापलट में शामिल 11 के खिलाफ प्रतिबंध

२२ मार्च २०२१

यूरोपीय संघ ने म्यांमार में हुए तख्तापलट में शामिल 11 लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का फैसला ले लिया है. ये एक फरवरी को हुए तख्तापलट के खिलाफ यूरोपीय देशों की सबसे महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया है.

https://p.dw.com/p/3qx8y
Myanmar Yangon | nach Militärputsch | Protest der Karen
तस्वीर: Hkun Lat/Getty Images

यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने ब्रसेल्स में संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक की शुरुआत से पहले यह घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि म्यांमार में हालात बिगड़ते ही चले जा रहे हैं. जिन लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाने हैं उनके नाम तब ही सार्वजनिक किए जाएंगे जब संघ के सदस्य देशों के मंत्री औपचारिक रूप से उन पर फैसला ले लेंगे.

संघ म्यांमार की सेना द्वारा चलाए जाने वाले व्यापारों को भी निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है और इस संबंध में और कड़े कदमों के लागू किए जाने की संभावना है. संघ के राजदूतों ने रॉयटर्स को बताया है कि सेना की बड़ी कंपनियों म्यांमार इकोनॉमिक होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और म्यांमार इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन को निशाना बनाया जा सकता है. यूरोपीय निवेशकों और बैंकों को इन कंपनियों के साथ व्यापार करने से रोका जा सकता है.

इन कंपनियों की जड़ें म्यांमार की पूरी अर्थव्यवस्था में फैली हुई हैं. ये खनन, उत्पादन और खाने-पीने की चीजों से लेकर होटलों, टेलीकॉम और बैंकिंग तक मौजूद हैं. देश के सबसे बड़े करदाताओं में इनका स्थान है और देश जब लोकतांत्रिक उदारीकरण के तहत खुला था तब इन कंपनियों ने विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी भी करनी चाही थी.

BdTD | Myanmar | Anti-Putsch-Demonstranten verwenden ein Fernglas
म्यांमार के यांगून में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी दूरबीन से सेना के सिपाहियों को देखने की कोशिश करते हुए.तस्वीर: Getty Images

2019 में संयुक्त राष्ट्र के एक तथ्य-खोजी मिशन ने इन दोनों कंपनियों और इनकी नियंत्रित कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंधों की सिफारिश की थी. संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि ये कंपनियां सेना को पैसों के अतिरिक्त स्त्रोत देती हैं, जिनका इस्तेमाल सेना मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए कर सकती है. यूरोपीय संघ ने म्यांमार के खिलाफ हथियारों के व्यापार पर रोक लगा रखी है. 2018 से ही संघ ने म्यांमार की सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी कदम उठाए हैं. 

इस बीच, जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा है कि यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के निशाने पर सिर्फ वो लोग हैं जो सड़कों पर हो रही हिंसा के जिम्मेदार हैं और इनके पीछे आम लोगों को सजा देने की कोई मंशा नहीं है. मास ने ब्रसेल्स में पत्रकारों को बताया, "हत्याओं की संख्या बर्दाश्त करने की हद को पार कर गई है और इसी वजह से हम प्रतिबंध लगाना रोक नहीं पाएंगे."

सीके/एए (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी