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समाज

मजबूत होते भारत-इस्राएल संबंध

१९ अक्टूबर २०२१

भारत और इस्राएल मुक्त व्यापार समझौते पर लंबे समय से लंबित वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने को यरूशलम में अपने इस्राएली समकक्ष याइर लैपिड से मुलाकात की है.

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तस्वीर: Russian Foreign Ministry/AFP

इस्राएल ने भारत के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत को दोबारा शुरू करने का फैसला किया है. सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और इस्राएल के विदेश मंत्री याइर लैपिड की बैठक में यह फैसला लिया गया.

वार्ता के दौरान भारत और इस्राएल एक-दूसरे की टीकाकरण प्रक्रिया को "सैद्धांतिक रूप से" मान्यता देने के लिए भी सहमत हुए. हालांकि फिलहाल इस्राएल केवल भारतीयों को कोविशील्ड के साथ यात्रा करने की अनुमति देगा, लेकिन उन लोगों को नहीं जिन्हें कोवैक्सिन का टीका लगाया गया है. कोवैक्सिन को अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी नहीं मिली है.

जयशंकर ने लैपिड से मुलाकात के बाद ट्वीट कर कहा, "विदेश मंत्री याइर लैपिड के साथ वार्ता बहुत सकारात्मक रही, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक रूप से बातचीत हुई. अगले महीने एफटीए पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं. दोनों देश कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को सैद्धांतिक तौर पर मान्यता देने पर सहमत हुए."

अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ में इस्राएल के शामिल होने को लेकर जयशंकर ने प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने बैठक के बाद कहा कि हम जैसे ही COP26 सम्मेलन के करीब पहुंच रहे हैं हरित प्रगति, हरित अर्थव्यवस्था के हमारे एजेंडा में प्रगति बहुत अहम है.

इस्राएल के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में इस्राएली ऊर्जा मंत्री ने आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ में शामिल होने से जुड़े करार पर हस्ताक्षर किए.

भारत में निवेश का न्योता

इस्राएली दौरे पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कोविड के बाद अर्थव्यवस्था में अपेक्षित सुधार का लाभ उठाते हुए इस्राएली कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है.

इस्राएली चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और इनोवेशन इकोसिस्टम के साथ चर्चा करने के बाद जयशंकर ने कहा, "डिजिटल, स्वास्थ्य, कृषि और हरित विकास समेत कई पोस्ट-कोविड प्राथमिकताएं हमारे सहयोग के लिए प्राकृतिक क्षेत्र हैं."

जयशंकर की यात्रा 2017 से अब तक नई दिल्ली और यरूशलम द्वारा किए गए संयुक्त प्रयासों को आगे बढ़ाती है, ताकि दोनों देशों की प्रतिभाओं को पथ-प्रदर्शक तकनीकी समाधानों की खोज में शामिल किया जा सके, जिनका व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल मुमकिन है.

जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस्राएल की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान ही भारत और इस्राएल ने द्विपक्षीय संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ा दिया था. तब से दोनों देशों के बीच संबंधों ने ज्ञान-आधारित साझेदारी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने समेत नवाचार और अनुसंधान में सहयोग शामिल है.

मजबूत होते रिश्ते

जनवरी 2018 में बेन्यामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान भारत-इस्राएल व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दोनों देश एक उज्‍जवल नए अध्याय के शिखर पर खड़े हैं, क्योंकि नई ऊर्जा और उद्देश्य है जिसने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है.

पांच दिवसीय इस्राएल यात्रा पर गए जयशंकर ने सोमवार को अमेरिका, इस्राएल और संयुक्त अरब अमीरात के अपने समकक्षों के साथ एक वर्चुअल बैठक की. जिसमें सभी नेता समान हितों वाले क्षेत्रों में पूरक क्षमताओं के इस्तेमाल और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर सहमत हुए.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्वाड के तर्ज पर ये चारों देश एक और समूह बनाने की तैयारी कर रहे हैं.

रिपोर्ट: आमिर अंसारी (आईएएनएस की जानकारी के साथ)

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