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राजनीतिफलीस्तीन

गाजा में रेड क्रॉस के दफ्तर के पास हमले में 22 लोगों की मौत

२२ जून २०२४

अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस कमेटी (आईसीआरसी) का कहना है कि गाजा में उसके दफ्तर के पास शुक्रवार को एक हमले में 22 लोगों की मौत हुई है. फलस्तीन के इलाके में इस्राएली सेना ने हमले तेज कर दिए हैं.

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अल मवासी इलाके में हमले के बाद तबाह हुए टेंट
अल-मवासी इलाके में शुक्रवार को हुए हमले में 22 लोगों के मौत की बात कही जा रही हैतस्वीर: Rabih Daher/AFP/Getty Images

आईसीआरसी के मुताबिक गाजा में उसके दफ्तर के पास भारी गोलाबारी हुई. आईसीआरसी का कहना है कि 22 लोगों के शव मिले हैं और घायल हुए 45 लोगों को इलाज के लिए रेड क्रॉस के फील्ड अस्पताल में ले जाया गया है. रेड क्रॉस के दफ्तर के आस पास बड़ी संख्या में विस्थापित लोग टेंट में रह रहे हैं. आईसीआरसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, "शरणार्थी स्थलों के खतरनाक रूप से नजदीकी जगहों पर फायरिंग ने आम नागरिकों और मानवीय सहायता में जुटे लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी." इस हमले में आईसीआरसी के दफ्तर को भी नुकसान पहुंचा है.

हमास के नियंत्रण वाले इलाके के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस फायरिंग की जिम्मेदारी इस्राएल पर डाली है. मंत्रालय ने 25 लोगों की मौत और 50 लोगों के घायल होने की बात कही है. यह हमला आईसीआरसी के दफ्तर के पास अल- मावासी इलाके में हुआ है जो राफाह से ज्यादा दूर नहीं है. इस्राएली सुरक्षा बलों के एक प्रवक्ता ने इस घटना में कोई भूमिका नहीं मानी है, लेकिन कहा है कि इसकी "समीक्षा" की जा रही है.

इस्राएली सेना के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "एक शुरुआती जांच से पता चला है कि अल-मवासी के मानवीय इलाके में आईडीएफ के हमले के कोई संकेत नहीं हैं. इस घटना की समीक्षा की जा रही है."नेतन्याहू और हमास के नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग

शुक्रवार के हमले में परिजन की मौत के बाद शोक मनाती महिलाएं
शुक्रवार के हमले में 22 लोगों के मरने की बात कही जा रही हैतस्वीर: Jehad Alshrafi/Anadolu/picture alliance

लेबनान की सीमा पर बढ़ा बैर

इस्राएल और लेबनान से लगती सीमा पर भी हाल के हफ्तों में गोलीबारी बढ़ गई है. यहां इसके और तेज होने की आशंका जताई जा रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को कहा कि सीमा पार शत्रुता की वजह से लेबनान को "एक और गाजा" बनने से जरूर रोका जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी है कि इससे एक "अकल्पनीय" तबाही शुरू हो सकती है. गुटेरेश की चेतावनी गाजा पट्टी में इस्राएल के हमलों में तेजी आने के बाद आई है. गाजा सिटी में एक अस्पताल पर हमले में 30 लोगों के मौत की खबर आई है.

गाजा पट्टी के उत्तर में गाजा सिटी के अल अहली अस्पताल के निदेशक के हवाले से इलाके के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हमले में 30 लोगों के मौत की बात कही है. सिविल डिफेंस एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बासल का कहना है कि शहर के एक गराज पर बम हमले में पांच म्युनिसिपल वर्करों की मौत हो गई है. इस्राएल की सेना ने शुक्रवार को "सेंट्रल गाजा स्ट्रिप कॉरिडोर" के उत्तर और दक्षिण में हमलों की जानकारी दी है. 

अल मवासी इलाके में हमले के बाद सड़क पर खून के धब्बे और वहां पड़ी एक चप्पल
अल मवासी के इलाके में बड़ी संख्या में विस्थापित लोग टेंटों में रह रहे हैंतस्वीर: Bashar Taleb/AFP/Getty Images

इस्राएल की सेना एक तरफ गाजा में अभियान चला रही है और दूसरी तरफ लेबनान की सीमा पर गोलीबारी हो रही है. लेबनान में हमास के सहयोगी हिज्बुल्लाह का कहना है कि उसने गुरुवार को उत्तरी इस्राएल के बैरकों पर दर्जनों रॉकेट दागे हैं. इस कार्रवाई को दक्षिणी लेबनान में इस्राएली हवाई हमले का जवाब बताया गया है. इस्राएल का कहना है कि इस हमले में हिज्बुल्लाह के एक सदस्य की मौत हुई है. 

हिज्बुल्लाह ने भी सीमा के पास इस्राएली सैनिकों और ठिकानों पर शुक्रवार को कई हमले की बात स्वीकार की है. इनमें दो ड्रोन हमले भी शामिल हैं. इस्राएली सेना का कहना है कि उसने दोनों तरफ कई जवाबी हमले किए हैं.

राफाह हमले पर दुनिया भर में इस्राएल की निंदा

हमास के हमले के बाद बढ़ा तनाव

लेबनान की सीमा पर हिंसा 7 अक्टूबर को इस्राएल पर हमास के हमले के बाद से ही शुरू हो गई थी. हमास के उस हमले में 1,194 लोगों की मौत हुई थी. इनमें ज्यादातर आम नागरिक थे. इसके अलावा हमास ने 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. सेना का कहना है कि इनमें से 41 की मौत हो चुकी है. दूसरी तरफ इस्राएल के जवाबी हमले में इस हफ्ते गुरुवार तक 39,431 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें भी ज्यादातर आम नागरिक हैं.

रेडक्रॉस के दफ्तर राहत सामग्री लेने के लिए जमा हुई भीड़
सेना की कार्रवाई के कारण राहत सामग्री की आपूर्ति में भी भारी दिक्कत हो रही हैतस्वीर: Mahmoud Zaki Salem Issa/Anadolu/picture alliance

कई महीनों से युद्धविराम पर बातचीत चल रही है लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा अब तक नहीं दिखा है. इस लड़ाई में गाजा के बुनियादी ढांचे का ज्यादातर हिस्सा तबाह हो चुका है. यहां के लोग भोजन, ईंधन और दूसरी जरूरी चीजों की कमी से जूझ रहे हैं. 16 तारीख को सेना ने कहा था कि वह प्रतिदिन दक्षिणी गाजा में "सैन्य गतिविधियों में सामरिक ठहराव" लाएगी जिससे कि दक्षिणी गाजा कॉरिडोर से सहायता सामग्री की आपूर्ति हो सके." हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता रिचर्ड पीपरकॉर्न ने शुक्रवार को कहा, "हम मानवीय सहायता आपूर्ति पर इसका कोई असर नहीं देख रहे हैं." जबालिया कैंप में रहने वाले हिशाम सालेम ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "बाजार भरे रहते थे लेकिन वहां अब कुछ नहीं बचा. पूरे बाजार में घूमने के बाद मुझे एक किलो प्याज नहीं मिला और अगर कहीं मिला तो कीमत थी 140 शेकेल (3,000 रुपये).

इस्राएल में प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के खिलाफ नियमित रूप से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी उनसे बंधकों को छुड़ाने के लिए करार करने की मांग कर रहे हैं. उन पर युद्ध को लंबा खींचने के आरोप भी लग रहे हैं. हालांकि नेतन्याहू ने बंधकों के परिवारों से कहा है, "हम तब तक गाजा पट्टी नहीं छोड़ेंगे जब तक कि सारे बंधक वापस नहीं आ जाते."

इस लड़ाई ने फलस्तीन को देश का दर्जा देने के लिए दुनिया पर दबाव बढ़ा दिया है.  शुक्रवार को अर्मेनिया ने भी फलस्तीन को मान्यता दे दी. इसके बाद इस्राएल ने अर्मेनिया के राजदूत को समन किया और इसकी आलोचना की है. इससे पहले नॉर्वे, आयरलैंड और स्पेन भी फलस्तीन को मान्यता दे चुके हैं. आने वाले समय में कुछ और देश इस कतार में शामिल हो सकते हैं.

एनआर/एडी (एएफपी)

फलस्तीन और इस्राएल का विवाद कैसे सुलझेगा