ब्रिक्स की वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं होंगे मोदी
२१ नवम्बर २०२३बीते कई हफ्तों से जारी, इस्राएल और हमास के बीच लड़ाई और उसके कारण मध्यपूर्व में पैदा हुए तनाव को देखते हुए ब्रिक्स प्लस की आज हो रही ऑनलाइन बैठक असाधारण है.
इस बैठक में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष, इस्राएल और हमास के बीच जारी जंग से पैदा हुए हालात के बारे में चर्चा करेंगे. इस वर्चुअल बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हिस्सा लेने की खबर है.
मोदी नहीं होंगे शामिल
भारतीय अखबार द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स प्लस समूह की वर्चुअल बैठक में भाग नहीं लेंगे. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मोदी के बदले विदेश मंत्री एस जयशंकर इस बैठक में शामिल होंगे.
भारतीय अधिकारियों के हवाले से अखबार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने राजस्थान में चल रहे राज्य विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार समेत अन्य व्यस्तताओं के कारण वर्चुअल बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया है.
जारी हो सकता है साझा बयान
वहीं ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका समूह के अन्य नेताओं के साथ उपस्थित न होने का निर्णय भी नई दिल्ली की असहजता का संकेत देता है, क्योंकि इस बैठक में गाजा पर इस्राएली हमले के बारे में विचार-विमर्श होगा और अगर इस बैठक के बाद इस्राएल की आलोचना करने वाला साझा बयान जारी होता है तो भारत को असहज करने वाली स्थिति में डाल सकता है.
इस संघर्ष में भारत का झुकाव इस्राएल की ओर ज्यादा रहा है लेकिन उसने दोनों ओर निर्दोष नागरिकों की मौत पर दुख जरूर जताया है.
भारतीयप्रधानमंत्री ने सात अक्टूबर को हुए इस्राएल पर आतंकी संगठन हमास के हमले की उसी दिन कड़ी निंदा की थी. मोदी सरकार ने बाद में भारत की स्थिति को संतुलित करने की कोशिश करते हुए
अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून, गाजा को सहायता भेजना और दो-राज्य समाधान के लिए समर्थन को दोहराया था.
इस बैठक की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा करेंगे और ब्रिक्स के नए सदस्य देश सऊदी अरब, मिस्र, अर्जेंटीना, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी बैठक में शामिल हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश जो तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते आए हैं, वह भी भी इसमें शामिल होंगे.
दक्षिण अफ्रीका ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति रामाफोसा असाधारण बैठक में शुरूआती टिप्पणी देंगे, उसके बाद सदस्य और आमंत्रित देश गाजा में मौजूदा संकट पर अपने देश की ओर से बयान जारी करेंगे."
सात अक्टूबर को हमास के आतंकी हमले के बाद इस्राएल की कार्रवाई में गाजा में हजारों लोग मारे गए हैं. हमास के आतंकी हमले में 1200 इस्राएलियों की मौत हो गई थी और 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस्राएल की कार्रवाई में अब तक 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं.