म्यांमार: लोकतंत्र समर्थक नेता बोले यूक्रेन जैसा समर्थन नहीं
२ दिसम्बर २०२२गुरुवार को प्रसारित एक इंटरव्यू में नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (एनयूजी) के प्रमुख दुआ लशी ला ने अपने सहयोगियों से सैन्य सहायता मुहैया कराने की अपील की है. दुआ लशी गुरुवार को म्यांमार में एक अज्ञात स्थान से रॉयटर्स सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा, "ये मौतें हमारे संघर्ष की कीमत हैं. हमें यह कीमत हर हाल में चुकानी होगी." दुआ लशी ला ने म्यांमार में समानांतर जनता की सरकार की स्थापना की है.
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एनयूजी एक सांकेतिक सरकार है जिसे अप्रैल 2021 में सैन्य सरकार के विरोध में निर्वाचित सांसदों के एक समूह को मिलाकर बनाया गया था.
कौन हैं दुआ लशी ला?
दुआ लशी एनयूजी सरकार के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं. इस सरकार में पिछले नागरिक सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं. दुआ लशी पेशे से वकील हैं और पूर्व में शिक्षक भी रह चुके हैं. वह 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और म्यांमार में अशांति और विद्रोह के कारण उत्तरी म्यांमार के काचिन राज्य में अपने घर से अपने परिवार के साथ भाग गए थे.
म्यांमार की सैन्य जुंटा ने उन्हें और उनके साथियों को आतंकवादी घोषित किया है. सेना ने लोगों से उनसे संपर्क नहीं करने के लिए भी कहा. हालांकि दूसरी ओर दुआ लशी और उनके सहयोगियों की समानांतर नागरिक सरकार को भी व्यापक जन समर्थन प्राप्त है. उनके सशस्त्र बलों को देश भर में 'पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज' के रूप में जाना जाता है.
दुआ लशी की तस्वीरें म्यांमार में वायरल हो रही हैं, जिसमें वह अपने जवानों से मिलते देखे जा सकते हैं. इनमें पूर्व छात्र और पेशेवर भी शामिल हैं, जिन्हें सैन्य अभियानों के कारण जंगल में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. एनयूजी सरकार के कार्यवाहक अध्यक्ष दुआ लशी ने अपने बयान में कहा है, "पता नहीं कब मेरी जान चली जाए. यह ईश्वर की इच्छा पर निर्भर करता है. मैं अपने देश के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए पहले से ही तैयार हूं."
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पिछले साल फरवरी में सेना द्वारा दक्षिण पूर्व एशियाई देश में सत्ता हथिया लेने के बाद से राष्ट्र उथल-पुथल में है. सेना द्वारा किया गया तख्तापलट म्यांमार के दशक लंबे लोकतंत्र संघर्ष को एक गतिरोध में ला दिया है. सेना ने लोकतंत्र समर्थकों को पूरी तरह से कुचल डाला है.
मानवाधिकार समूह असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के अनुसार लड़ाई में 2,000 से अधिक नागरिक मारे गए हैं. ज्यादातर लोग प्रदर्शनों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान कार्रवाई में मारे गए हैं.
"यूक्रेन जैसा समर्थन नहीं मिला"
म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं का सामना रूसी, चीनी और भारतीय युद्धक विमानों और हथियारों से लैस एक सशस्त्र बल से हो रहा है. इन विमानों से म्यांमार की सेना लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं पर हमला करती है और बम गिराती है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सैन्य तख्तापलट के बाद से 13 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. हालांकि सैन्य जुंटा से टिप्पणी के अनुरोध के बावजूद समाचार एजेंसी रॉयटर्स को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. सैन्य जुंटा दावा करता आया है कि वह नागरिकों पर हवाई हमले नहीं करता है और उसका ऑपरेशन "आतंकवादी" हमलों के जवाब में है.
दुआ लशी ने दावा किया है कि विपक्षी लड़ाकों ने सैन्य जुंटा के 20,000 सैनिकों को मार डाला है. हालांकि स्वतंत्र सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की है. उन्होंने कहा, ''अगर हमारे पास विमान भेदी हथियार होते तो हम सावधानी से कह सकते थे कि हम छह महीने में जीत सकते थे. जैसा समर्थन यूक्रेन को अमेरिका और यूरोपीय संघ से मिल रहा है अगर वैसा ही हमें मिलता तो आम लोगों की हत्याएं रुक जाती.''
एए/सीके (रॉयटर्स)