म्यांमार ने चार विदेशी कैदियों को रिहा किया
१७ नवम्बर २०२२सैन्य जुंटा ने पूर्व ब्रिटिश दूत विकी बोमेन, ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री शॉन टर्नेल और जापानी पत्रकार टोरू कुबोताको रिहा कर दिया है. म्यांमार नाउ ने बताया कि रिहा होने वाले चौथे विदेशी अमेरिकी वनस्पतिशास्त्री क्याव हटे ओ हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि पूर्व ब्रिटिश राजदूत विकी बोमेन, ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्र सलाहकार शॉन टर्नेल और जापानी पत्रकार टोरू कुबोता को "राष्ट्रीय दिवस के मौके पर रिहा किया जा रहा."
हाल के महीनों में विदेशियों को सजा
अक्टूबर महीने में कुबोता को जुलाई में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन को फिल्माने के लिए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद सितंबर में म्यांमार की एक अदालत ने देश की पूर्व नेता आंग सान सू की को दोषी ठहराया और उनके सलाहकार शॉन टर्नेल को तीन साल जेल की सजा सुनाई.
म्यांमार की सैन्य सरकार के साथ भारत का यह रिश्ता क्या कहलाता है
म्यांमार में ब्रिटेन की पूर्व राजदूत बोमेन और उनके पति बर्मी कलाकार तेन लिन को सितंबर में आव्रजन नियमों का उल्लंघन करने के लिए एक साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
सैन्य जुंटा के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने गुरुवार को वॉयस ऑफ म्यांमार और यंगून मीडिया ग्रुप को बताया कि चार विदेशियों को रिहा किया जा रहा है और उन्हें उनके देश वापस भेजा जा रहा है.
इसी साल म्यांमार की एक अदालत ने सैन्य तख्तापलट का विरोध करने वाले चार कार्यकर्ताओं को फांसी सजा दी थी. उस वक्त कहा गया था कि इन चारों को आतंकवाद के तहत हिंसक और अमानवीय हत्याएं करने के लिए सजा दी गई. म्यांमार में 2021 में सेना ने लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर सत्ता हथिया ली. तब से सैन्य सरकार पर लोकतंत्र समर्थकों का दमन करने के आरोप लगते हैं.
पिछले साल फरवरी में सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार में उथल-पुथल मची हुई है. सैन्य तख्तापलट के परिणामस्वरूप सू ची को सत्ता से बेदखल कर दिया गया और सू ची की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर दिया गया.
एए/सीके (एएफी, एपी, रॉयटर्स)