अपने बलात्कारी की हत्या करने वाली महिला का संघर्ष
२४ नवम्बर २०२१21 साल की रुइज मई से मेक्सिको सिटी के पास एक जेल में बंद हैं. वहीं से लिखी एक चिट्ठी में उन्होंने लिखा, "मेरा अपराध सिर्फ इतना है कि मैंने उस इंसान से खुद को बचाने की कोशिश की जिसने मेरा बलात्कार किया."
25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा को मिटाने का अंतरराष्ट्रीय दिवस है और अधिकार समूह योजना बना रहे हैं कि इस दिन यह खुल कर कहा जा सके कि जिस देश में महिलाएं बड़ी संख्या में मारी जा रही हों, वहां अपनी रक्षा करना अपराध नहीं हो सकता है.
"कानून और समाज अन्यायी हैं"
ऐक्टिविस्टों द्वारा छापी गई उनकी चिट्ठी में रुइज ने बताया कि वो अपने एक मित्र के साथ बीयर पीने गई थीं और वहां उन्हें एक व्यक्ति मिला जिसने उन्हें उनके घर तक छोड़ देने का आग्रह किया.
रुइज के घर पहुंचने के बाद उस व्यक्ति ने वहीं रुक जाने की इजाजत मांगी, यह कह कर कि उसका घर बहुत दूर है. फिर रुइज जब सो गईं तब उसने उनका बलात्कार किया, उन्हें मारा और उन्हें जान से मरने की धमकी दी.
खुद को बचाते बचाते रुइज ने उसका दम घोंट दिया और उसकी मृत्यु हो गई. रुइज ने लिखा, "मैं डरी हुई थी, आतंकित थी. मैं यह नहीं चाहती थी कि वो और किसी को चोट पहुंचाए."
जेल में अपने तजुर्बे पर विचार करने के बाद रुइज ने लिखा, "मैं यह सोचने लगी हूं कि कानून और समाज अन्यायी हैं. शायद मुझे मेरे हमलावर को अपनी मनमर्जी कर लेने देना चाहिए था और मुझे घायल कर देने या मार ही देने देना चाहिए था."
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मेक्सिको में इस साल जनवरी से सितंबर के बीच 736 महिलाओं की हत्या की गई. इससे पहले 2020 में पूरे साल में 975 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी.
पीड़िता पर ही जिम्मेदारी
रुइज का मुकदमा कठिन है. उनके लिए यह साबित करना बहुत मुश्किल है कि उन्होंने जो भी किया वैध रूप से आत्मरक्षा में किया, क्योंकि मौका-ए-वारदात से कोई भी फॉरेंसिक सबूत इकट्ठा नहीं किया गया.
उनकी वकील अबीगैल एस्कलांते अधिकारियों पर आरोप लगाती हैं कि उन्होंने पीड़िता के शरीर के निरीक्षण जैसे मूल प्रोटोकॉल तक को नहीं निभाया. वो पूछती हैं, "किसी अपराध का शिकार बनने वाली महिला पर ही खुद को पीड़िता साबित करने की जिम्मेदारी क्यों है?"
इस मामले को लेकर महिलावादी समूह प्रदर्शन कर रहे हैं और महिलाओं की हत्या करने वाले पुरुषों को दंड से मुक्ति दिए जाने की निंदा कर रहे हैं. रुइज की जेल के बाहर ही एक प्रदर्शन आयोजित किया गया है जहां "सरकार महिलाओं की हत्या में सहअपराधी है" जैसे बैनर लगे हुए हैं.
28 साल की याकिरी रुबीओ ने उनका यौन शोषण करने वाले पुरुष को जान से मार दिया था, जिसके बाद उन्हें हत्या के आरोप में जेल में डाल दिया गया. 18 महीनों तक जेल में रहने के बाद उनकी वकील एना सुआरेज ने साबित कर ही दिया कि उन्होंने आत्मरक्षा में सब कुछ किया था. इसके बाद उन्हें जेल ने बरी कर दिया गया.
समर्थन भी जरूरी
सुआरेज कहती हैं, "सरकारी एजेंसियों को यह सुनना अच्छा नहीं लगता कि महिलाएं अपनी रक्षा खुद कर सकती हैं, इसलिए वो अपना काम नहीं करना चाहतीं." अब दोनों महिलाएं दूसरी महिलाओं की मदद करने वाले एक संगठन के लिए काम करती हैं. यहां एक मार्शल आर्ट्स ट्रेनर आत्मरक्षा के गुर भी सिखाते हैं.
सुआरेज की बहन मारिया कहती हैं, "यह इसलिए ताकि हम खुद को बचा सकें." रुबीओ महिलाओं से कहती हैं की खुद को बचा लेने के बाद अगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है तो उन्हें अच्छी सलाह लेनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि यह भी उतना ही जरूरी है कि, "आपका परिवार आप पर भरोसा करता हो, समाज आपका समर्थन करता हो और आपका संरक्षण करता हो और मीडिया सच दिखाता हो."
सीके/एए (एएफपी)